हाल ही में खत्म हुए संसद के मानसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर रविवार को सात मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की। सभापति से मुलाकात कर प्रतिनिधिमंडल ने 11 अगस्त को सदन में हुई घटना को लेकर कुछ विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने 11 अगस्त को सदन में हुई घटना को अभूतपूर्व, चरम और हिंसक कृत्य करार दिया। बता दें कि 11 अगस्त को सदन में विरोध प्रदर्शन करते हुए कुछ विपक्षी सांसदों ने घर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और जब उन्हें रोकने के लिए मार्शल बुलाए गए तो उनके साथ भी हाथापाई करते हुए देखा गया था। घटना के बाद कांग्रेस के दो सांसद छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने आरोप लगाया कि मार्शलों ने उनके साथ बदसलूकी की, जबकि दो मार्शलों ने राज्यसभा सचिवालय में एक शिकायत दर्ज कराई है जिसमें दावा किया गया है कि वे हाथापाई में घायल हुए हैं। जिन मंत्रियों ने पहले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, उन्होंने वेंकैया नायडू से मुलाकात कर अपनी मांग दोहराई। नायडू के साथ बैठक के दौरान, उन्होंने मार्शलों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने का जिक्र भी किया।
सभापति बोले- मामले की जांच करेंगे
एक अधिकारी के अनुसार, नायडू ने कहा कि वह उचित कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने के लिए मामले की जांच करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन शामिल थे। इस दौरान उपसभापति हरिवंश भी मौजूद थे। वहीं, नायडू ने पैनल के उपाध्यक्ष सस्मिता पात्रा के साथ भी बैठक की, जो घटना वाले समय राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारा संभाल रहे थे।