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बंगाल चुनाव बाद हिंसा: हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI ने जांच के लिए बनाई चार टीम

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के बाद एजेंसी ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) का गठन कर दिया है। सीबीआई की ओर से गठित चार एसआईयू में दो दर्जन से अधिक अधिकारी शामिल हैं। हर यूनिट का नेतृत्व ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी करेंगे। बता दें कि गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के आदेश दिया था।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कई जनहित याचिकाओं पर एकमत से निर्णय दिया। इन याचिकाओं में चुनाव बाद हुई कथित हिंसा की घटनाओं पर स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने अन्य सभी मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने का भी आदेश दिया। 

विशेष जांच दल में पश्चिम बंगाल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल होंगे। न्यायाधीशों की इस पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के साथ न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल थे। इस पीठ ने कहा, सभी मामले जहां, समिति की रिपोर्ट के अनुसार, किसी व्यक्ति की हत्या तथा बलात्कार या बलात्कार का प्रयास जैसे महिलाओं के विरुद्ध अपराध हैं, उन्हें जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाएगा।पीठ ने एनएचआरसी समिति को मामलों के दस्तावेज तत्काल सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। पीठ सीबीआई और एसआईटी की जांच की निगरानी करेगी। पीठ ने दोनों एजेंसियों को छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार कथित हत्याओं के कुछ मामलों में भी प्राथमिकी दर्ज कराने में विफल रही। पीठ ने कहा, इससे पता चलता है कि जांच को एक विशेष दिशा में ले जाने की मानसिकता थी। अदालत ने कहा, ऐसी परिस्थितियों में किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने से सभी संबंधित लोगों में विश्वास जगेगा।