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संवासिनी फरार होने में कर्मचारियों की लापरवाही मिली, अधीक्षिका भी दोषी, चार्जशीट तैयार

लखनऊ मोतीनगर स्थित बाल गृह बालिका से चार जुलाई को फरार हुई पांच संवासिनियों के मामले में कर्मचारियों की लापरवाही सामने आयी है। इसमें बाल गृह की अधीक्षिका को भी दोषी पाया गया है। नाका पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है और इसे कोर्ट में दाखिल करने के लिये विभाग से अनुमति मांगी है। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी पुलिस ने की है।

नाका इंस्पेक्टर मनोज मिश्र ने बताया कि चार जुलाई को यहां से पांच संवासिनियां दीवार कूद कर भाग निकली थी। उनकी यह हरकत सीसी कैमरे में कैद हो गई थी। पांचों संवासिनियों को सीतापुर और गोण्डा व अन्य जिलों से बरामद कर लिया गया था। इस मामले में बालगृह के कर्मचारियों के खिलाफ भी लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया था। नाका पुलिस के मुताबिक पड़ताल में यह बात भी सामने आयी है कि अधीक्षिका कानपुर से रोजाना आती है जबकि उन्हें नियमानुसार परिसर में ही रहना चाहिये। उनकी मौजूदगी न होने से यहां के सुरक्षाकर्मियों की मदद से ही संवासिनी अपने पास मोबाइल फोन रखती है। चार जुलाई को भागी संवासिनियों के पास मोबाइल भी बरामद हुए थे। 

संवासिनी ऐशबाग स्टेशन पर दिखी21 अगस्त को भागी संवासिनी ऐशबाग रेलवे स्टेशन के सीसी कैमरे की फुटेज में दिखी है। इस संवासिनी के पास मोबाइल फोन नहीं था। यह संवासिनी दिल्ली की मंगोलपुरी एच ब्लॉक की रहने वाली है। यहां भी एक टीम भेजी गई थी। नाका इंस्पेक्टर का कहना है कि संवासिनी का दिल्ली का पता सही नहीं निकला है। दिल्ली में उसके बारे में अन्य स्त्रोत से जानकारी जुटायी जा रही है। शनिवार सुबह सात बजे जब संवासिनियों की गिनती की जा रही थी तब एक संवासिनी कम मिली थी। इसे 13 अगस्त को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से बहराइच से यहां लाया गया था। बहराइच में भी इस संवासिनी की तलाश के लिये टीम भेजी गई है। साथ ही वहां की पुलिस को भी इसका ब्योरा भेजा गया है।