एक ओर जहां विकसित देशों में कोरोना रोधी टीके की सामान्य खुराक पूरी कर अतिरिक्त खुराक दी जाने लगी है, वहीं दुनिया के तीन देश ऐसे हैं जहां अभी तक टीकाकरण शुरू भी नहीं हुआ है। ये देश हैं- उत्तर कोरिया, बुरुंडी और इरिट्रिया। यहां हैरानी वाली बात है कि चीन का दोस्त होने के बावजूद उत्तर कोरिया में अब तक वैक्सीन नहीं लगी है। गौरतलब है कि दुनिया भर में अब तक पांच अरब से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। इन पांच अरब खुराकों में से लगभग 40 प्रतिशत (1.96 अरब) चीन में दिया गया है। भारत में 58.9 करोड़ और अमेरिका में 36.3 करोड़ खुराक दी गई हैं। ये तीन वे देश हैं जहां सबसे अधिक डोज लगाए गए हैं।
दस लाख से अधिक आबादी वाले देशों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अग्रणी है, जहां प्रति 100 की संख्या पर 179 खुराकें दी गई हैं। इसका मतलब हुआ कि वहां लगभग 75 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। वहीं दूसरी ओर, तीन देशों- बुरुंडी, इरिट्रिया और उत्तर कोरिया, ने तो अभी तक टीकाकरण अभियान शुरू भी नहीं किया है।
हालांकि, अधिकांश गरीब देशों ने भी, मुख्य रूप से कोवैक्स योजना शुरू होने के बाद अब टीकाकरण शुरू कर दिया है, लेकिन इनके यहां टीकाकरण का अनुपात विकसित देशों की तुलना में बहुत असमान है। समझने के लिए विश्व बैंक द्वारा परिभाषित उच्च आय वाले देशों ने जहां अपनी 100 की आबादी पर 111 खुराकें दी हैं वहीं कम आय वाले देशों में 100 की आबादी पर केवल 2.4 खुराक ही लगाई गई हैं। इन गरीब देशों में टीके कुछ अमीर देशों द्वारा दान दिए जाने के बाद हाल ही में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो पाया है।
उप सहारा अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश – कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में प्रति 100 आबादी में 0.1 खुराक, तंजानिया में 0.4 ख्रुराक, नाइजीरिया में 1.9 खुराक और इथियोपिया में 100 की आबादी पर केवल 2.0 खुराक ही लग पाई हैं। ये दुनिया के सबसे कम टीकाकरण वाले देशों में से हैं। विश्व स्तर पर जहां 100 की आबादी पर 64 खुराक दी गई हैं वहीं अफ्रीका महादेश में 100 की आबादी पर अब तक केवल 6.5 खुराकें ही मिल पाई हैं। जो विश्व औसत का दसवां हिस्सा ही है।