अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने को लेकर विवि परिसर में पोस्टर चिपकाने की घटना की जांच होगी। मामले में सख्त रुख अपनाते हुए विवि प्रशासन ने आंतरिक जांच समिति गठित कर दी है। कमेटी की गोपनीय जांच में पोस्टर लगाने वालों को चिन्हित किया जाएगा।
गौरतलब है कि कुलपति द्वारा कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताने के बाद कैंपस में पोस्टर चिपकाकर इसकी आलोचना की गई थी। इसके बाद यह मामला देश भर में चर्चा का विषय बन गया। इस बारे में चूंकि इस समय परिसर में छात्र नहीं हैं। ऑनलाइन कक्षाएं ही चल रही हैं इसलिए विवि प्रशासन को आशंका है कि पोस्टर चिपकाने का काम कुछ बाहरी असामाजिक तत्वों ने किया होगा। पोस्टर लगाने वालों की पहचान के लिए परिसर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। इसके अलावा विवि ने मामले की आंतरिक जांच कराने का निर्णय लिया है।
हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में चिपकाए गए थे पर्चे
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा में पर्चे चिपकाए गए थे। इन पर्चों में कहा गया था कि इस तरह शोक संवेदना व्यक्त करना भावनाओं को आहत करने वाला है। पूर्व में जो हुआ है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। ऐसी श्रद्धांजलि अलीग बिरादरी की भावनाओं पर चोट करने जैसी है।
मंत्री बोले-‘तालिबानी सोच’ वालों के खिलाफ होगा एक्शन
एएमयू में पोस्टर चिपकाने के विवाद पर यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि यह एक प्रकार की ‘तालिबानी सोच’ है। इसके आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशें प्रदेश का माहौल बिगाड़ने के मकसद से की जा रही हैं।