पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने अफगानिस्तान के कांधार जाकर तालिबानी नेतृत्व से मुलाकात की है। भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार मसूद ने कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए तालिबान से मदद मांगी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मसूद अजहर ने तालिबान के पॉलिटिकल विंग के प्रमुख मौलाना अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की है। मसूद अजहर ने कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तालिबान से मदद मांगी है। हाल ही में मसूद अजहर ने अफगानिस्तान में तालिबान के के कब्जे को लेकर खुशी जाहिर की थी। 16 अगस्त को ‘मंजिल की तरफ’ शीर्षक से एक नोट में मसूद ने अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीन की सफलता की तारीफ की थी।
पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित जैश के हेडक्वॉर्टर में जैश के आतंकियों के बीच मैसेज सर्कुलेट किया गया। जैश ने तालिबान को अफगानिस्तान में जीत की बधाई दी है। तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद की विचारधारा शरिया लॉ को लेकर एक जैसी है। 1999 में जेल से बाहर आने के बाद जैश का गठन करने वाला मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।
यही है पाकिस्तान की खुशी का राजअसल में भारत को निशाना बनाने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठनों और तालिबान के बीच की यह गठजोड़ ही इमरान खान की खुशी का खुला राज है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि तालिबानराज में वह बेरोकटोक यहां आतंकी कैंप चला पाएगा। अफगानिस्तान सरकार को उखाड़ने में तालिबान की मदद के बदले वह भारत के खिलाफ कट्टरपंथी संगठन से सहयोग चाहता है