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कोरोनाकाल में पॉजिटिवों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, नर्सेज संघ ने मांगा बढ़ा ग्रेड पे

उत्तराखंड  नर्सेज संघ ने वेतन विसंगति का मसला शुक्रवार को वेतन विसंगति समिति के समक्ष रखा। अपने समकक्ष संवर्गों को अधिक वेतन देने और नर्सेज का वेतन न बढ़ाए जाने पर सवाल उठाए। 2013 से चली आ रही वेतन विसंगति को बिंदुवार समिति के समक्ष रखा। यमुना कालोनी स्थित वेतन विसंगति समिति के कार्यालय में अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के समक्ष नर्सेज संघ ने अपना पक्ष रखा।

अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला ने बताया कि वर्ष 2013 में फार्मासिस्ट संवर्ग को प्रारंभिक वेतन 4200 रुपये, दो साल बाद 4600 रुपये और दस साल बाद 5400 रुपये दिए जाने की व्यवस्था कर दी गई। जबकि अधिक योग्यता होने के बावजूद नर्सेज को आज भी प्रारंभिक ग्रेड वेतन 4600 रुपये और दस साल बाद 4800 रुपये ही ग्रेड पे का लाभ मिल रहा है।

इसके साथ ही केंद्र में नर्सिंग एलाउंस 7200 रुपये मिलता है। जबकि राज्य में 1950 रुपये ही दिया जा रहा है। वर्दी भत्ता केंद्र में 1800 रुपये और राज्य महज 500 रुपये दिया जा रहा है। इसके साथ तमाम दूसरी विसंगतियां नर्सेज के वेतन में हैं। जिनके निस्तारण को लेकर कई बार शासन स्तर पर वार्ता हो चुकी है, लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ समाधान नहीं निकाला जा रहा है।इसे लेकर नर्सेज में आक्रोश व्याप्त है। अध्यक्ष ने बताया कि वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष ने सकारात्मक नजरिए से मांगों को सुना। सकारात्मक आश्वासन दिया। वार्ता में नर्सेज संघ की ओर से अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला, कांति राणा, इंदु शर्मा, विद्या चौबे, रेखा बिष्ट, जेपी पांडे, वीर कौर आदि शामिल हुए।