केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि फिरोजाबाद में बुखार के हालिया मामलों को देखते हुए पीड़ितों की चार किस्म की जांच कराई जाए। इनमें डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस एवं लेप्टोस्पायरोसिस जांच शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि बुखार के मामलों के बीच नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और नेशनल वैक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीसीपी) के विशेषज्ञों ने जिले का दौरा किया था। उन्होंने बुखार के मामलों की जांच की थी और पाया था कि ज्यादातर मामले डेंगू के हैं। लेकिन, कुछ मामले स्क्रब टाइफस एवं लेप्टोस्पायरोसिस के भी पाए गए थे।
केंद्री स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसके मद्देनजर सभी बुखार पीड़ितों की उपरोक्त चार जांचें कराने की सिफारिश की गई है। पत्र में कहा गया है कि बुखार पीड़ितों के लिए जिला अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में आइसोलेशन वार्ड बनाया जाए। साथ ही तत्काल जांच के लिए एलाइजा आधारित जांच प्रक्रिया अपनाई जाए, जिससे जल्द नतीजे हासिल करने में मदद मिल सकती है।
राज्य को कहा गया कि डेंगू एवं अन्य बीमारियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जाए। इसके लिए जिले तथा आसपास के सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जाए, जिससे वह इन बीमारियों के उपचार को लेकर ज्यादा सजग हो सकें। साथ ही लोगों में इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों में प्रचार-प्रसार के जरिये जागरुकता पैदा की जाए।स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एनसीडीसी स्थानीय चिकित्सकों की मदद के लिए अपने दो विशेषज्ञों को अगले 14 दिनों के लिए फिरोजाबाद में तैनात करेगा ताकि वह स्थानीय प्रशासन को मदद कर सकें।