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घर-घर पानी पहुंचा की नहीं,क्या है स्रोतों की हालत,जल जीवन मिशन की पड़ताल को यह है प्लान

उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की पड़ताल होगी। इसके लिए जल निगम अपने सभी जूनियर इंजीनियरों की ड्यूटी लगा दी है। घर घर पानी पहुंचा की नहीं, स्रोतों की स्थिति क्या है, इसकी पड़ताल कर दस दिन में रिपोर्ट देंगे। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूरा करना होगा।  राज्य में जल जीवन मिशन योजना पर सवाल उठे। बड़ी संख्या में ऐसे घरों में भी नल लगा दिए गए, जहां आज तक पानी की बूंद नहीं टपकी। कहीं स्रोत ही नहीं थे और पानी के नल लगा दिए गए थे।

हिन्दुस्तान की पड़ताल में भी इसका खुलासा किया गया था। इसी के बाद विभाग की नींद टूटी और नये सिरे से योजना की पड़ताल की जा रही है।  ग्राम सभा की योजनाओं की भी हो पड़ताल :इस दौरान जूनियर इंजीनियर सिर्फ जल जीवन मिशन के कार्य ही नहीं देखेंगे, बल्कि ग्राम सभा के कार्यों को भी परखेंगे। 

पेयजल मंत्री का दिया लक्ष्य अधूरा:  जल जीवन मिशन को लेकर पेयजल मंत्री ने लक्ष्य दिया था कि अगस्त तक सभी डीपीआर तैयार हो जाएं और सितंबर तक सभी टेंडर पूरे हो जाएं। बावजूद इसके अभी भी डीपीआर तय लक्ष्य से बहुत दूर हैं। एक हजार करोड़ की करीब 45 डीपीआर का अभी सर्वे का काम चल रहा है। 253 करोड़ की 13 डीपीआर को स्टेट लेवल सैंक्शनिंग कमेटी से मंजूरी मिलनी है। 237 करोड़ की 18 डीपीआर की ईएफसी अलग होनी है।सभी जूनियर इंजीनियरों को योजनाओं की पड़ताल के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसका मकसद धरातल की असल स्थिति का आंकलन करना है। कहां कहां स्रोतों में पानी कम है। कहां  नये स्रोतों से योजना तैयार की जानी है, इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाएगी। ग्राम सभा की योजनाओं की भी पड़ताल साथ साथ होगी। ताकि वहां भी जरूरत के अनुसार काम कराया जा सके।