उत्तराखंड में सामान्य वर्ग के एमबीबीएस डॉक्टरों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है। 419 के करीब सामान्य वर्ग के डॉक्टर नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में एमबीबीएस कोर्स को सरकारी नौकरी की गारंटी माना जाता था। लेकिन कोरोना काल में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की तैनाती के बाद अब सामान्य वर्ग के डॉक्टरों के लिए पद नहीं बचे हैं। फरवरी 2021 में 407 डॉक्टरों के चयन के बाद अधिकांश सीटें भर गईं थी। लेकिन इसमें से 117 डॉक्टरों के ज्वाइन न करने के बाद 99 सामान्य के पद खाली हो पाए हैं।
जबकि इन 99 पदों को भरने के बाद भी राज्य में 419 एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए पद नहीं बच रहे हैं। उधर, उत्तराखंड चिकित्सा चयन आयोग के अध्यक्ष डॉ.डीएस रावत ने बताया कि डॉक्टरों का कैडर सीमित है, हर डॉक्टर को सरकारी नौकरी मिल ही जाए यह संभव नहीं। हालांकि 491 में से सभी डॉक्टर राज्य के नहीं है। लेकिन जिस तादात में नए डॉक्टर आ रहे हैं उससे सरकारी क्षेत्र में सभी के लिए नौकरी संभव नहीं होगी।
अब विशेषज्ञ डॉक्टरों को ही मिलेगा मौका
राज्य में डॉक्टरों के कुल 2729 पद हैं। इसमें से एमबीबीएस के दो हजार के करीब पद भर चुके हैं। शेष पद विशेषज्ञ डॉक्टरों के हैं जो पीजी कर चुके डॉक्टरों को ही मिल पाएंगे।