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योगी आदित्यनाथ: सुशासन के साढ़े चार साल, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश को 24 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सुरक्षित, समृद्ध, समुन्नत और आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को सिद्धि में परिवर्तित करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए आज साढ़े चार वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में हमारे समक्ष जो चुनौतियां आईं, उनसे न केवल सफलतापूर्वक निपटा गया बल्कि ‘लक्ष्य अंत्योदय, प्रण अंत्योदय और पथ अंत्योदय’ के लक्ष्य को साधते हुए आपदा को अवसर में भी बदला गया।

हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ मंत्र के साथ आगे बढ़े और आज मुझे व्यक्तिगत रूप से यह संतुष्टि है कि हम अपनी नीतियों को इसके अनुरूप क्रियान्वित करने में सफल रहे। सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ से ‘ईज ऑफ लाइफ’ की दिशा में बढ़ रहा है।

सुनियोजित रणनीति के कारण एक तरफ कोरोना संक्रमण की चेन टूटती रही और दूसरी तरफ आर्थिक विकास एवं रोजगार की कड़ियां भी जुड़ती रहीं। कोरोना से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की रणनीति की डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग से लेकर वैश्विक मीडिया जगत तक में मुक्त कंठ से प्रशंसा हुई।

42 लाख लोगों का ‘अपने घर का सपना’ पूरा हुआ
साढे़ चार वर्षों में 42 लाख लोगों का ‘अपने घर का सपना’ पूरा हुआ है। ‘सौभाग्य’ योजना के अंतर्गत 2 करोड़ 94 लाख लोगों के घर विद्युत कनेक्शन देकर घरों को रोशन किया गया है। ‘उज्ज्वला’ के तहत 1.5 करोड़ महिलाएं मुफ्त गैस कनेक्शन पाकर धुएं से उपजने वाली बीमारियों से बचीं।

10 लाख स्वयं सहायता समूहों की 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को संबद्ध कर उनके आर्थिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त हुआ है तो बैंकिंग करस्पॉन्डेंट सखी योजना के माध्यम से लगभग 59 हजार महिलाओं तक बैंकिंग व्यवस्था और प्रत्येक गांव तक बैंक पहुंचाया गया।

बीमारू से औद्योगिक विकास तक
उत्तर प्रदेश का भूगोल और प्रकृति उसे समृद्धि और विकास की बहुआयामी संभावनाओं से संपन्न बनाती है। इसके बावजूद इसकी गिनती बीमारू राज्य के रूप में होती रही। भाजपा सरकार ने किसान, श्रमिक, युवा और महिला सहित सभी वर्गों की सुरक्षा, समृद्धि और कल्याण की दिशा में बढ़ना आरंभ किया, वहीं दूसरी तरफ इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास की व्यूहरचना बनाई।

रिकॉर्ड खरीद, समयबद्ध भुगतान
किसान और कृषि को पहली कैबिनेट से वरीयता प्रदान की गई। किसान को समय पर बीज और खाद, कम लागत और उपज को उपयुक्त कीमत मिले, इसकी व्यवस्था की गई। वर्ष 2020-21 में प्रदेश का कुल अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 618.49 लाख मीट्रिक टन रहा। साथ ही सरकार ने एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद की गई। गन्ना किसानों का अब तक 1.45 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

4 लाख से ज्यादा नौकरियां
सरकार ने अन्य क्षेत्रों में नियोजन एवं रोजगार के अलावा 4 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान कीं।

भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू
सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास के साथ शताब्दियों से जारी साधना फलित हुई। श्रीकृष्ण की लीलास्थली ब्रज और मां विंध्यवासिनी धाम के पुनरुद्धार का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। काशी विश्वनाथ धाम का चिर प्रतीक्षित पुनरुद्धार भी निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है।

ईज ऑफ डूइंग में छलांग
उत्तर प्रदेश ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की राष्ट्रीय रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पहुंचा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु को पीछे छोड़ देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।

गांव स्वावलंबन की ओर
गांव और जनपदों को स्वावलंबी बनाने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ कार्यक्रम को बढ़ाया गया। लाखों एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सुविधा प्रदान कर गति प्रदान की गई। इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए ग्रोथ इंजन होता है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्सप्रेसवे का संजाल विकसित करने के साथ-साथ जलमार्गों और वायुमार्गों को विकसित करने की दिशा में निर्णायक कार्य किया है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कुछ पंक्तियां सहज ही मानस पटल पर उभरती हैं…

आरंभ जब जो कुछ किया हमने उसे पूरा किया।
था जो असंभव भी सब संभव हुआ दिखला दिया।