स्थायी अध्यक्ष को लेकर गहमागहमी और सभी राज्यों से सिमटती कांग्रेस पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का लेख चर्चा में है। लेख में कहा गया है कि आलाकमान को लेकर बना संशय ही कांग्रेस के पतन का कारण है, इसका असर पंजाब में देखने को मिल ही चुका है। इसलिए पार्टी को एक स्थायी अध्यक्ष की जरूरत है।
इसमें यह भी लिखा गया कि भले ही राहुल गांधी कांग्रेस के अंदर चल रही समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हों, लेकिन कांग्रेस के कई बुजुर्ग नेताओं ने भाजपा से हाथ मिला लिया है और पार्टी को इस स्थिति में ले जाने के पीछे यही लोग हैं। इसलिए कांग्रेस को इस समय एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है।
कांग्रेस बीमार है, उसे इलाज की जरूरत
शिवसेना ने लिखा कि कांग्रेस इस समय एक बीमार पार्टी बन गई है। उसे इलाज की जरूरत है। कुछ लोग इलाज कर भी रहे हैं, लेकिन देखना यह होगा कि वह इलाज सही दिशा में जा भी रहा है या नहीं। आगे लिखा कि राहुल गांधी कांग्रेस के अंदर बुजुर्गों और युवाओं को साथ ले चलने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कुछ बुजुर्ग नेताओं को यह नहीं पता है कि नए लोग किस तरह से काम करते हैं। वे लोग आलाकमान की आलोचना शुरू कर देते हैं। यह तय है कि इन्हीं लोगों ने भाजपा के साथ गुप्त समझौता किया हुआ है।
कांग्रेस में युवाओं की मांग गलत नहीं
उद्दव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस में कुई युवा, पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग गलत नहीं है। क्योंकि जैसे बिना सिर वाले शरीर का कोई फायदा नहीं होता वैसे ही बिना अध्यक्ष वाली पार्टी भी किसी का मुकाबला कैसे कर सकती है। इस सवाल का गांधी परिवार को देना चाहिए कि उनमें से कौन है जो नेतृत्व के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को स्थायी पार्टी अध्यक्ष पर बने संशय को खत्म करना चाहिए।
सिद्धू पर ज्यादा नहीं जताना चाहिए भरोसा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाकर बहुत बड़ा कदम उठाया था। लेकिन, पार्टी के ही नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। उन्होंने कहा कि पार्टी को ऐसे व्यक्ति को न तो ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए और न ही भरोसा जताना चाहिए, जिसने हाल ही में पार्टी ज्वाइन की हो। उन्होंने कहा कि पार्टी में स्थायी अध्यक्ष होना जरूरी है, जो ऐसे बड़बोले नेताओं के मुंह को बंद करा सके।