असम कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने ही एक विधायक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। पार्टी ने यह कार्रवाई शेरमन अली अहमद के खिलाफ हाल ही में आयोजित गोरुखुटी अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर उनके ‘राजनीति से प्रेरित’ बयानों के चलते की है। आरोप है कि अहमद ने ये बयान राज्य में आगामी उप चुनाव को लेकर पार्टी की छवि को खराब करने के उद्देश्य से दिए।
कांग्रेस के अनुसार, पार्टी के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है और बाहर अहमद, ‘भाजपा के एजेंट’ की तरह काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से नजदीकी के चलते उन्हें ऐसे बयान देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सके, खास तौर पर चुनावों के दौरान। नोटिस में विधायक से तीन दिन में इसके पीछे का स्पष्टीकरण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा को देने के लिए कहा गया है।
बता दें कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि असम के दरांग जिले में कथित अतिक्रमणकर्ताओं ने इलाके के आठ लोगों की स्मृति का अनादर किया, जो वर्ष 1983 के असम आंदोलन में शहीद हुए थे। इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बागबोर से विधायक अहमद ने कहा था कि 1983 के आंदोलन के दौरान मारे गए आठ लोग शहीद नहीं बल्कि हत्यारे थे। उन्होंने कहा था कि ये लोग कई अन्य लोगों की हत्या में शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में दरांग जिले के गोरुखुटी में किया गया बेदखली अभियान हिंसक हो गया था। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। अहमद के बयान पर आपत्ति जताते हुए, असम कांग्रेस ने नोटिस में आगे कहा है कि अहमद ने पहले भी दो बार सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ बयान दिए थे और पार्टी अनुशासन के खिलाफ गए थे।