कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में पकड़े गए उपनिरीक्षक राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत से मंगलवार को करीब आठ घंटे पूछताछ की गई। इस दौरान इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एसआई अक्षय मिश्रा से पूछे गए सवालों को एसआईटी ने उनके सामने भी दोहराया। 200 सवालों के जवाब में खुद को बेगुनाह बताते हुए आरोपियों ने कहा कि कमरे के अंदर हम लोग गए ही नहीं थे। शराब के नशे में गिरने की सूचना पर इंस्पेक्टर साहब के बुलाने पर गए थे। घायल मनीष को मानसी हॉस्पिटल तक ही लेकर गए थे। मेडिकल कॉलेज पहुंचाने पर देरी के सवाल पर दोनों ने कहा कि मानसी अस्पताल के बाद दूसरे पुलिस वाले गए थे। इस वजह से हम लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
एसआईटी के दस प्रमुख सवालों के दिए ये जवाब
सवाल: कमरे में क्या-क्या हुआ था?
जवाब: हम लोग कमरे के अंदर नहीं गए थे।
सवाल: मारपीट किसने की थी?
जवाब: कमरे में गए ही नहीं थे, हम लोगों को गिरकर घायल होने की जानकारी मिली थी।
सवाल: आप लोग निर्दोष हैं, यह कैसे कह सकते हैं?
जवाब: कमरे में अंदर नहीं गए थे, सिर्फ अस्पताल लेकर गए थे, जांच करा ली जाए।
सवाल: मनीष को मेडिकल कॉलेज पहुंचाने में देरी क्यों हुई?
जवाब: हम लोग मनीष को मानसी अस्पताल पहुंचाए थे, मेडिकल कॉलेज दूसरे पुलिस वाले लेकर गए थे।
सवाल: देरी क्यों हुई, बता सकते हैं?
जवाब: हम लोग गए ही नहीं थे, इस वजह से मालूम नहीं है
सवाल: होटल से खून की सफाई कर साक्ष्य क्यों मिटाए?
जवाब: होटल की सफाई पुलिस ने नहीं कराई थी, जांच कर लें।
सवाल: मनीष के दोस्तों ने क्या बताया था?
जवाब: मनीष के दोस्तों ने खुद पहले गिरकर घायल होने की बात कही थी, बाद में बयान बदल दिए।
सवाल: गलती नहीं तो फरार क्यों हो गए?
जवाब: डर गए थे, लगा कि फंस जाएंगे, जेल नहीं जाना चाहते थे।
सवाल: किस सूचना पर चेकिंग के लिए गए थे?
जवाब: हम लोग इंस्पेक्टर के बुलाने पर गए थे।
सवाल: अफसरों को गलत जानकारी क्यों दी गई थी?
जवाब: इंस्पेक्टर साहब ने दी होगी, हम लोग तब साथ नहीं थे।
थाने में ही कराया गया मेडिकल, बाहर थी फोर्स
रामगढ़ताल थाने में ही डॉक्टरों की टीम को बुलाकर दोनों आरोपी पुलिस वालों का मेडिकल कराया गया। इसके बाद कोर्ट में पेश करने को भेजा गया। वहीं, रामगढ़ताल थाने में जितनी देर तक पूछताछ जारी थी, उस कमरे में किसी के जाने की अनुमति नहीं थी। थाने के बाहर फोर्स लगा दी गई थी।
फिर की गई अलग-अलग पूछताछ
आरोपी उपनिरीक्षक राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत से एक साथ पूछताछ करने के बाद एसआईटी ने दोनों को अलग-अलग कर भी पूछताछ की। दोनों के दिए गए जवाब का एसआईटी मिलान कर रही है।
फिर दोनों आरोपियों की देर रात पेशी
पुलिस मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा की ही तरह उपनिरीक्षक राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत को भी रात में ही कोर्ट में पेश किया। माना जा रहा है कि आम लोगों में आक्रोश को देखते हुए ऐसा किया गया।