लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में जेल भेजे गए हत्यारोपी आशीष मिश्र मोनू की रिमांड पुलिस ने ले ली है। सीजेएम चिंताराम लखीमपुर खीरी ने सोमवार को पेशी के बाद केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के पुत्र आशीष की तीन दिन की रिमांड मंजूर की थी। सोमवार को अर्जी पर सुनवाई के बाद मंगलवार से गुरुवार सुबह दस बजे तक के लिए रिमांड दी गई है।
पुलिस लखीमपुर जिला कारागार से आशीष मिश्र को रिमांड पर लेकर पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय में पहुंची है। इसी कार्यालय में आशीष मिश्र को शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
10:15 बजे आशीष को एसआईटी ने रिमांड पर लिया
तिकुनिया हिंसा मामले में जांच कर रही एसआईटी मंगलवार की सुबह 10 बजे जिला कारागार पहुंची, जहां निरुद्ध आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को औपचारिकता पूरी करने के बाद रिमांड पर ले लिया। करीब 10:15 बजे मोनू को लेकर एसआईटी पुलिस लाइंस स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंची।
पुलिस ने मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया और रास्ते में रस्सी लगाकर बैरिकेडिंग कर दी। इससे पोस्टमार्टम हाउस जाने वालों को भी घूमकर जाना पड़ा। तिकुनिया में अरदास कार्यक्रम के चलते टीम साक्ष्य जुटाने के लिए मोनू को लेकर घटनास्थल नहीं गई। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल सहित टीम के सदस्यों ने बारी-बारी से उससे सवाल किए।
पूछताछ की और जरूरत बताते हुए पुलिस की तरफ से आशीष की कस्टडी मांगी गई थी। विवेचक की अर्जी पर सोमवार को करीब सवा दो बजे सुनवाई हुई। करीब 20 मिनट की सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि पूछताछ के दौरान आशीष मिश्र ने विवेचना में कोई सहयोग नहीं किया।
साथ ही पूछताछ के दौरान कई प्रश्नों को टालने के मकसद से मौन ही रहा। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि विवेचना में घटना के षड्यंत्र के संबंध में उत्तर पाना आवश्यक है। इसके लिए 14 दिन की पुलिस रिमांड मांगी गई।
वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि 12 घंटे की पूछताछ के बाद अब कोई पूछताछ शेष नहीं है। विवेचक चाहे तो जेल में अभियुक्त से पूछताछ कर लें, केवल थर्ड डिग्री टार्चर करने के लिए कस्टडी रिमांड मांगी जा रही है, जो गलत है। अभियोजन व बचाव पक्ष की तरफ से दी गईं दलीलें सुनने के बाद सीजेएम ने अभियुक्त आशीष मिश्र को कुछ शर्तों के साथ तीन दिन की पुलिस रिमांड देने का फैसला सुनाया। पुलिस ने रिमांड 15 अक्तूबर सुबह दस बजे तक के लिए ले ली है। इस अवधि में किसी हाल में थर्ड डिग्री का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी गई है।