Gati Shakti Yojana। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक क्षेत्रों के साथ बहुस्तरीय कनेक्टिविटी के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का आज शुभारंभ किया। यह परियोजना दरअसल रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिससे विकास परियोजनाओं के संचालन में आसानी होगी। इस अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुर्गाष्टमी है, पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। आज 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आज का मंत्र है, Will for progress, work for progress, wealth for progress, plan for progress, preference for progress. हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणा पत्र में भी नजर नहीं आता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं, जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि Sustainable Development के लिए Quality इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है
देश का बुनियादी ढांचा प्लान है ‘गति शक्ति योजना’
केंद्र सरकार के आला अधिकारी ने बताया है कि इस योजना का उद्देश्य एकीकृत योजना को बढ़ावा देना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है। 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को GIS मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है। अधिकारी ने बताया कि “गति शक्ति देश के लिए एक राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा मास्टर प्लान होगा, जो समग्र बुनियादी ढांचे की नींव रखेगा। अभी हमारे परिवहन के साधनों के बीच कोई समन्वय नहीं है। गति शक्ति परियोजना इन सभी बाधाओं को दूर करेगी। यह आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में मदद करेगा।
यह मंच उद्योगों की दक्षता बढ़ाने, स्थानीय निर्माताओं को प्रोत्साहित करने, उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में मदद करेगा। इससे असंबद्ध योजनाओं की समस्या, मानकीकरण की कमी, मंजूरी के मुद्दे और समय पर निर्माण और क्षमताओं के इष्टतम उपयोग जैसे मुद्दों का समाधान होगा।”
राष्ट्रीय योजना समूह करेगा नियमित बैठक
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान द्वारा मंच विकसित किया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग सभी परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय होगा। परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए एक राष्ट्रीय योजना समूह नियमित रूप से बैठक करेगा। किसी भी नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया जाएगा।