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एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी: आखिर दबोचा गया 50 हजार का इनामी सफेदपोश माफिया संतलाल, पूछताछ में खोले बड़े राज

सहारनपुर में टपरी स्थित दि कोऑपरेटिव प्राइवेट लिमिटेड शराब फैक्टरी से टैक्स चोरी कर शराब निकालने के मामले में फरार चल रहे आरोपी संतलाल जायसवाल को एसटीएफ ने प्रयागराज में रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। संतलाल के ऊपर 50,000 का इनाम घोषित था। 

संतलाल जायसवाल पुत्र स्व पल्टन जायसवाल निवासी 366 खरका तिराहा, हुसैनाबाद थाना लाइन बाजार जनपद जौनपुर का रहने वाला है, जबकि वर्तमान में सीएल-2, गोदाम जौनपुर खरका तिराहा, हुसैनाबाद जौनपुर में रहता था। 

एसटीएफ ने तीन मार्च 2021 को सहारनपुर के टपरी स्थित दी कोऑपरेटिव प्राइवेट लिमिटेड शराब फैक्टरी पर छापा मारकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का भंडाफोड़ किया था और मौके से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में इस मामले की विवेचना एसआईटी लखनऊ ने की। इस मामले में ट्रांसपोर्टर एवं 25,000 के इनामी सत्यवान शर्मा को हरियाणा प्रांत से, कंपनी के टेक्निकल हेड 25,000 के इनामी कमल डेनियल को उतराखंड से एवं कंपनी के एचआर हेड/लीगल हेड 25,000 के इनामी वीरेंद्र शंखधार को गौतमबुद्धनगर से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

वहीं इस मामले में 50,000 का पुरस्कार घोषित सफेदपोश शराब माफिया संतलाल जायसवाल भी फरार चल रहा था। एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी की टीम को सूचना मिली कि शराब तस्कर संतलाल जायसवाल जनपद प्रयागराज में कहीं छुपकर रह रहा है। इसी दौरान जानकारी मिली कि संतलाल जायसवाल प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास मौजूद है और कहीं भागने की फिराक में है। उक्त सूचना पर एसटीएफ वाराणसी टीम द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचकर संतलाल को गिरफ्तार कर लिया। संतलाल ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह लगभग 15 वर्षों से शराब का करोबार कर रहा है। जनपद जौनपुर में उसकी थोक देशी शराब सीएल-2 का गोदाम है, जिसमें विभिन्न शराब डिस्टिलरी से (नारंग डिस्टिलरी गोंडा, को-आपरेटिव कंपनी लि टपरी सहारनपुर, रायपुर डिस्टिलरी) से देशी शराब थोक में मंगाता है, जो विभिन्न लाइसेंसी दुकानों पर फुटकर में विक्रय की जाती है। इसी क्रम में को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी द्वारा एक ही बिल्टी पर 02 बार शराब लदी गाड़ी (एक बार वैध एवं एक बार अवैध रूप से) निकालने का काम किया जाता था, एक शराब की गाड़ी पर लगभग 15 लाख रुपये का फायदा उसे होता था, जिससे उसने काफी रुपये कमाए है। 

गौरतलब है कि कॉपरेटिव कंपनी लि टपरी सहारनपुर के यूनिट हेड व उनका स्टाफ विभिन्न जनपदों के आबकारी विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण, आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों व ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर शराब फैक्टरी के अभिलेखों में हेराफेरी कर बड़े पैमाने पर टैक्स/एक्साइज ड्यूटी की चोरी कर प्रति माह करोड़ों के राजस्व का नुकसान कर रहे थे। नजदीक के डिस्ट्रिब्यूटर प्वाइंट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर और उन्नाव और कानपुर के डिस्ट्रीब्यूटर प्वाइंट पर चार दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर लगाकर एक ही बिल्टी पर टैक्स की बड़ी चोरी की घटना को अंजाम देते थे। फैक्टरी से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्टरी के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा फैक्टरी के सीसीटीवी को बंद कर दिया जाता था व ट्रक ड्राइवर द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता था। इस कारण गाड़ियों के फेरों की जीपीएस लोकेशन लॉग नहीं होती थी।

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