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यूपी में बिजली संकट : बैठकों के दौर के बीच कोयले की किल्लत बरकरार, सरकार निपटने को तैयार

प्रदेश में कोयला संकट बरकरार है। विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के लिए सरकार को अतिरिक्त व्यवस्थाएं करनी पड़ रही है। दशहरे पर पिछले कई दिन की तरह बिजली खरीद कर व्यवस्था बहाल रखी गई।

कोयले की कमी के कारण प्रदेश के विद्युत संयंत्रों में बिजली का भरपूर उत्पादन नहीं हो पा रहा है। सभी संयंत्र अपनी क्षमताओं से कम पर काम कर रहे हैं। शुक्रवार को पारीछा में मात्र आठ हजार मीट्रिक टन कोयला शेष रह गया यानी इससे बस आधे दिन ही संयंत्र चलाया जा सकता है।

अनपरा में 58000 यानी डेढ़ दिन का, ओबरा में 29000 यानी 2 दिन और हरदुआगंज में 10700 मीट्रिक टन यानी 1 दिन का कोयला शेष बचा है। कोयले की आपूर्ति तो हुई लेकिन बहुत मामूली। मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने के कारण यह स्थिति पैदा हो रही है। उधर दशहरे के अवसर पर सरकार ने निजी ट्रेडर्स से बिजली खरीदी और आपूर्ति बहाल रखी। 

माना जा रहा है कि यदि जल्द ही कोयले की भरपूर आपूर्ति नहीं हुई तो कुछ और संयंत्र बंद हो सकते हैं। बिजली उत्पादन कम होने का परिणाम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरों में भी अघोषित रूप से लगातार बिजली कटौती हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि रात को विद्युत कटौती नहीं होगी । ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा इस मसले पर लगातार अधिकारियों की बैठक कर रहे हैं।

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