मूर्ति के साथ गंगा में नियमों का भी विसर्जन कर दिया गया है। शुक्रवार की रात में गंगा का किनारा कलश और पूजा सामग्रियों के साथ प्लास्टिक से पट गया। नियमों के साथ कचरा भी गंगा में प्रवाहित हो रहा है। प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर कृत्रिम घाट बनाया था और सख्ती के लिए मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस की पूरी फौज लगाई गई थी। इसके बाद भी पटना में गंगा को प्रदूषण से बचाने का दावा हवा-हवाई साबित हुआ। दैनिक भास्कर के कैमरे में कैद तस्वीर और वीडियो प्रशासन के कागजी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।
जिम्मेदारों पर होना चाहिए जुर्माना
प्रशासन ने गंगा की सुरक्षा को लेकर मूर्ति विसर्जन पर कड़ा नियम बनाया था। गंगा में मूर्ति विसर्जन करने के साथ पूजा सामग्रियों के प्रवाहित करने पर पूरी तरह से पाबंदी थी। ऐसा करने वालों पर जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती के बाद भी गंगा में फूल माला और कलश नारियल को प्रवाहित किया गया है। अब इसके लिए जिम्मेदार कौन है और किससे जुर्माना वसूला जाना चाहिए, यह बड़ा सवाल है। गंगा की सुरक्षा को लेकर काम करने वालों का कहना है कि इस लापरवाही पर जुर्माना घाटों पर तैनात मजिस्ट्रेट से वसूलना चाहिए।
प्लास्टिक से गंगा पर बड़ा असर
गंगा में प्लास्टिक कचरा से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। मूर्ति विसर्जन के दौरान पूजा सामग्री में सबसे अधिक प्लास्टिक ही गंगा में प्रवाहित किया गया है। पूजा की सामग्री पूजा पंडालों से प्लास्टिक में भर-भरकर लोग लाए थे और गंगा के घाट पर प्रवाहित कर दिए। पूरा घाट पूजा सामग्री और प्लास्टिक से पट गया है। रात में घाट को कचरा कचरा कर दिया गया। रात में अधिक संख्या में मूर्तियों का विसर्जन किया गया है और सुबह तक घाट की हालत काफी खराब हो गई है। हर तरफ कचरा ही कचरा है दिखा रहा है।
जिम्मेदारी से भागते रहे अफसर
इस मामले में जब घाटों पर तैनात मजिस्ट्रेट से बात की गई तो वह जिम्मेदारी से भागते नजर आए। कचरे को लेकर उनका कहना है कि वह जब से ड्यूटी पर आए हैं एक भी कलश या पूजा सामग्री नदी में नहीं प्रवाहित की गई है। लेकिन सवाल यह है कि अगर वह ड्यूटी पर इतने गंभीर हैं तो फिर रोक के बाद भी नदी में पूजा सामग्रियों का विसर्जन कौन कर रहा है। दैनिक भास्कर के सवा्ल के बाद जब पुलिस गंभीर हुई तो इस पर थोड़ा सख्ती दिखी। रात में घाटों की हालत ऐसी हो गई, जैसे सुरक्षा को लेकर कोई तैनाती ही नहीं की गई हो।