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यूपी: शिकायतों के जाम में फंसीं अयोध्या की सड़कें, 200 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं की राह आसान नहीं

अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी बनने की राह पर चल पड़ी है, लेकिन यहां की कई सड़कें ठेकेदारों की गुटबाजी के चलते शिकायतों के जाम में फंस गई हैं। इससे प्रभु श्रीराम की नगरी में सड़कों से जुड़ीं 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं की राह आसान नजर नहीं आ रही।

गुटबाजी इतनी बढ़ गई है कि ठेकेदार पूल बनाकर प्रहरी एप पर एक-दूसरे की जमकर खामियां गिना रहे हैं। इससे टेंडर प्रक्रिया रद्द कर फिर से शुरू करनी पड़ रही है। इससे सड़कों का निर्माण जल्द शुरू करने की योजना पर ब्रेक लग गया है। राज्य सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5 करोड़ पार कर जाएगी। उसी के हिसाब से अयोध्या में विकास का खाका खींचा गया है।

200 करोड़ से ज्यादा की सड़क परियोजनाओं की राह नहीं आसान
प्रहरी एप पर ठेकेदारों में घमासान, गुटबाजी के चलते कर रहे शिकायत, जांच में उलझे टेंडर

  • अयोध्या में 32.8 करोड़ की लागत से मया बाजार बाईपास बनना है। अगस्त में पहली बार टेंडर मांगे गए। लेकिन, शिकायतों की भरमार के कारण नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने पड़े। दूसरी बार 5 अक्तूबर को टेंडर खोला जाना था। इसके लिए 9 ठेकेदारों ने टेंडर डाला और प्रहरी एप पर एक-दूसरे की 18 शिकायतें कर दीं। नतीजतन, टेंडर प्रक्रिया फिर जांच में उलझकर रह गई है।
    ये परियोजनाएं भी मुश्किल में फंसी
  • अयोध्या-सुल्तानपुर रोड से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक 13.5 करोड़ की लागत से सड़क बननी है। दूसरी बार मांगे गए टेंडर खोलने की तिथि 12 अक्तूबर निर्धारित की गई। इस बार 15 ठेकेदारों ने निविदाएं डालीं और एक-दूसरे की 34 शिकायतें कीं। अब इन शिकायतों की भी जांच कराई जा रही है। जांच पूरा होने से पहले टेंडर फाइनल नहीं हो सकता।
  • सुग्रीव किला होते हुए नया घाट रोड से राम जन्मभूमि तक सड़क के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 12 अक्तूबर को टेंडर खोला जाना था। 7 ठेकेदारों ने टेंडर डाले और प्रहरी एप पर 22 अलग-अलग शिकायतें कीं। इस परियोजना पर भी अभी तक काम नहीं शुरू हो सका है।
  • पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि इसी तरह से 150 करोड़ रुपये लागत की अन्य दो बड़ी परियोजनाएं भी फंसी हुई हैं।
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