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लखनऊ : अवैध कालोनी का निर्माण तोड़ने गई एलडीए टीम से अभद्रता, जेसीबी ड्राइवर की मौत

बृहस्पतिवार को प्रबंधनगर योजना में अवैध कालोनी का निर्माण तोड़ने गई एलडीए की टीम के साथ अभद्रता और बवाल स्थानीय लोगों ने शुरू कर दिया। आरोप है कि बिल्डर ने स्थानीय लोगों को भड़का दिया कि एलडीए बिना मुआवजा दिए ही उनकी जमीनों को कब्जा करने के लिए निर्माण तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है। इस बवाल के चलते एलडीए के जेसीबी ड्राइवर की मौत भी हो गई। अधिकारियों का कहना है कि दहशत के चलते हार्ट अटैक होने से उसकी जान चली गई।

दोपहर के समय एलडीए के प्रवर्तन जोन-4 की टीम प्रबंधनगर योजना के लिए अर्जित जमीन पर घैला में बस रही अवैध कालोनी का निर्माण तोड़ने के लिए गई थी। नोडल अधिकारी अरूण कुमार सिंह, सहायक अभियंता एसएन प्रसाद, अवर अभियंता ज्ञानेश्वर सिंह, संजय मिश्रा की टीम मडियांव थाना की पुलिस के साथ कार्रवाई करने गई थी। यहां बाउंड्रीवाल और सड़क के निर्माण तोड़े जाना शुरू होने के बाद बिल्डर अभिषेक मित्तल पुत्र मुकेश मित्तल के लोगों ने विरोध और हंगामा शुरू कर दिया। कैरियर डेंटल कालेज के पास मौजूद इस अवैध कालोनी में हंगामा और एलडीए के लोगों से अभद्रता के बीच स्थानीय लोग भी पहुंच गई।

मौके पर मौजूद एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि बिल्डर के लोगों ने स्थानीय लोगों को भड़का दिया कि एलडीए जानबूझकर यहां जमीनों पर निर्माण तोड़ने के बहाने कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। इसी लिए आए दिन यहां निर्माण तोड़ने की कार्रवाई की जाती है। कल किसी का तोड़ा। आज हमारा तोड़ रहे। कल किसी और का तोड़ा जाएगा। यह पूरी योजना बनाकर हो रहा है। इसके बाद स्थानीय लोग भड़क गए। कुछ लोगों ने गाली गलौज भी शुरू कर दी। पुलिस फोर्स की कमी और बवाल बढ़ता देखकर एलडीए ने कार्रवाई बंद करा दी।

तबियत खराब होने पर भी कराया काम
एलडीए के अधिकारियों की लापरवाही भी कर्मचारी की मौत के मामले में सामने आई है। साथी कर्मचारी का कहना है कि दिल के मरीज मो. तारिक पहले से थे। कार्रवाई से पहले भी उनको उलझन हो रही थी। दवा खाने के बाद ही वह ड्यूटी पर गए थे। इसके बाद भी अधिकारियों ने उसे जेसीबी चलाकर निर्माण तोड़ने दिए। वहीं बवाल के बाद उसे अकेला छोड़कर अधिकारी मौके से चले गए। इस बीच ही उसकी तबियत बिगड़ी और बाद में मौत हो गई।

ट्रॉमा पहुंचने के बाद हुई मौत
जेसीबी चलाने वाले एलडीए कर्मचारी मो. ताहिर (58) की मौत इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर, केजीएमयू पहुंचने के बाद मौत हुई। एलडीए के इंजीनियर और अधिकारी भी कर्मचारी के संग ट्रॉमा सेंटर में मौजूद रहे। परिजन भी इस बीच सूचना मिलने पर ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए। मो. ताहिर के साथ कार्रवाई के समय मौजूद रहे जुल्फिकार का कहना है कि तबियत बिगड़ने पर दवा देने की कोशिश की थी। लेकिन, तबियत बिगड़ गई। इसके बाद ही पुलिस और एलडीए अधिकारियों को सूचना दी। मो. ताहिर के परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे, बहन और मां हैं। इनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी कर्मचारी के ऊपर ही थी। मृतक का परिवार अलीगंज में रहता है।

जो भी संभव होगा मदद की जाएगी
नोडल अधिकारी अरूण कुमार सिंह ने बताया कि कर्मचारी के मौत के मामले में जो भी संभव मदद होगी। मृतक के परिजनों की होगी। इसके लिए वीसी से भी वार्ता की जा रही है जिससे शीघ्र फैसला लिया जा सके। वहीं कार्रवाई के समय अवरोध पैदा करने वालों केखिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर पुलिस में दी गई है। मुकदमा नोडल अधिकारी अरूण कुमार सिंह की तरफ से सरकारी कार्य में बाधा डालने के लिए अभिषेक मित्तल व अन्य अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया जा रहा है।

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