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यूपी मेट्रो : नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों ने एलएमआरसीएलकैरियर डॉट कॉम के नाम से बनाई जाली वेबसाइट

मेट्रो में नौकरी दिलाने के लिए ठगों ने जाली वेबसाइट ही बना डाली। यूपी मेट्रो की वेबसाइट की हूबहू कॉपी कर नौकरी देने के लिए जाली वेबसाइट तैयार की गई है। यहां नौकरियों देने के लिए जहां विज्ञापन किए जा रहे हैं। वहीं आवेदन कराने के नाम पर वसूली भी ठग करने में लगे हैं। इस वेबसाइट की जानकारी मिलने के बाद अब यूपी मेट्रो ने लोगों को ठगों के जाल में नहीं फंसने की अपील की है।

यूपी मेट्रो के प्रवक्ता का कहना है कि नौकरियां देने के नाम पर फर्जी विज्ञापन इस वेबसाइट एलएमआरसीएलकैरियर डॉट कॉम पर किए जा रहे हैं। यहां विज्ञापन निकालने के साथ सीधे आवेदन वेबसाइट पर ही करने का विकल्प भी दिया गया है। यहां फीस भी जमा कराने का विकल्प है। वेबसाइट पर ठग मोबाइल, आधार, पैन, नाम, फोटो जैसी निजी सूचनाएं भी ले रहे हैं।

इससे आगे भी ठगी की आशंका बनी रहेगी। यह सीधे तौर पर ठगी करने की मंशा से ही किया जा रहा है। ऐसे में लोगों से अपील है कि यूपी मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट से ही सूचना लें। आधिकारिक वेबसाइट पर दिए तरीके और लिंक पर ही आवेदन करें। इससे जहां खुद के साथ ठगी नहीं होगी। वहीं मेट्रो की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से भी नहीं चूकेंगे।

आगरा, कानपुर में मेट्रो विस्तार संग सक्रिय ठग
यूपी मेट्रो ने लखनऊ के बाद अब आगरा और कानपुर में भी ट्रेनों के संचालन की तैयारी की है। इसके लिए यहां नए स्टाफ की तैनाती भी होनी है। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया भी नियमित रूप से यूपी मेट्रो कर रहा है। इसके लिए लिखित और इंटरव्यू परीक्षा भी मेट्रो आयोजित करता है। इस सूचना को अनुचित तरीके से जालसाज भी उपयोग कर आवेदकों से ठगी करने में लगे हैं। मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि यूपीएमआरसी सिर्फ मेरिट के आधार पर भर्ती करता है। ऐसे में किसी ठग को पैसा देकर फंसने की जरूरत नहीं है। किसी को कोई भी जानकारी ठगों की मिले तो लखनऊ मेट्रो को संपर्क कर सूचना भी दे सकता है जिससे विधिक कार्रवाई हो सके।

मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट
www.lmrcl.com
www.upmetrorail.com

एफआईआर कराने से क्यों बचता मेट्रो?
ठगों की जानकारी आने के बाद हर बार की तरह इस बार भी यूपीएमआरसी एफआईआर कराने से बचा है। जबकि, इस तरह के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए। पहले भी ठगी के मामले सामने आने के बाद पुलिस कार्यवाही से यूपी मेट्रो के अधिकारी बचते रहे हैं।

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