उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटेट) का पेपर लीक होने की सूचना के बाद परीक्षा निरस्त होने पर कई जगह अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। पेपर पहली पाली शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दिया गया। इसकी सूचना जैसे-जैसे परीक्षा केंद्रों को मिली, कहीं पर आधा घंटे बाद, कहीं 45 मिनट तो कहीं एक घंटे बाद परीक्षार्थियों को बीच परीक्षा उठाया गया और ओएमआर शीट आदि ले ली गईं। इससे नाराज परीक्षार्थियों ने कई केंद्रों पर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लौटे।
राजधानी के 99 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित हो रही थी। पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही पेपर लीक होने की जानकारी मिली। जैसे ही केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षा निरस्त करने के निर्देश मिले, उन्होंने दरवाजे बंद कराकर ओएमआर शीट आदि जमा करवा लीं, ताकि इसे लेकर कोई जा न सके। कुछ केंद्र के परीक्षार्थियों का आरोप है कि उनसे कॉपियां छींन ली गईं।
पेपर लीक होने से परीक्षार्थियों में काफी नाराजगी व गुस्सा था। नाराज परीक्षार्थियों ने राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद, अग्रसेन इंटर कॉलेज चौक, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज आदि केंद्रों के बाहर हंगामा व नाराजगी व्यक्त की। परीक्षार्थियों की नाराजगी को देखते हुए सभी केंद्रों के बाहर पुलिस प्रशासन सतर्क था और परीक्षार्थियों को समझा-बुझाकर वापस घर भेजा।
झांसी में भोपाल, ग्वालियर समेत दूरदराज के छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के लिए आए थे। जैसे ही परीक्षा निरस्त होने की जानकारी परीक्षार्थियों को दी गई तो वे नाराज होने लगे। कई छात्र ओएमआर शीट तक देने को तैयार नहीं हुए तो कक्ष निरीक्षकों को छीननी पड़ी। परीक्षा निरस्त होने की जानकारी होने पर कुछ केंद्रों में भगदड़ सी मच गई। घर लौटने के लिए परीक्षार्थियों की भीड़ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इससे वहां भी अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बाहर से आए परीक्षार्थियों ने लौटने के लिए पहले से ट्रेन का रिजर्वेशन करा रखा था।
ऐसे में उन्हें 10-10 घंटे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। वहीं, वाराणसी में अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा मचाया। शहरी और ग्रामीण इलाकों में केंद्रों के पास रास्ता जाम कर परीक्षा व्यवस्था में लापरवाही का आरोप लगाकर नारेबाजी की। अगले महीने इसी प्रवेश पत्र पर परीक्षा कराए जाने का आश्वासन दिए जाने पर अभ्यर्थी माने।
फूट-फूटकर रोये परीक्षार्थी, मेहनत-पैसा दोनों हो गया बर्बाद
परीक्षा निरस्त होने पर कई केंद्रों के परीक्षार्थियों फूट-फूटकर रोने लगे। परीक्षार्थियों ने कहा कि 2019 की भर्ती की परीक्षा अब हुई है। लगभग दो साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे थे। दिन-रात परीक्षा की तैयारी में मेहनत कर रहे थे। कइयों ने तो हजारों रुपये कोचिंग की फीस दे दी। पेपर लीक होने से मेहनत, पैसा दोनों बर्बाद हो गया।
लखनऊ : चार साल में आधा दर्जन परीक्षाओं के पेपर हो चुके हैं लीक
बीते चार साल में लगभग आधा दर्जन राज्य स्तर की परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं और परीक्षाएं दोबारा करानी पड़ी है। इसमें पुलिस भर्ती से लेकर टीईटी तक की परीक्षाएं शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार 25 जुलाई 2017 को प्रदेश भर दरोगा भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसके बाद इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। इसी तरह मार्च 2018 में पावर कार्पोरेशन में जेई, एई के पदों पर होने वाली भर्ती केलिए परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा में भी एसटीएफ ने गैंग पकड़ कर पेपर लीक होने का खुलासा किया था। एसटीएफ की ही रिपोर्ट पर परीक्षा रद्द की गई थी और परीक्षा दोबारा कराई गई थी। 2018 में 15 जुलाई को हुई 641 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। इसका खुलासा एसटीएफ ने तीन महीने बाद किया था।
जून 2018 में हुई सिपाही भर्ती के लिए परीक्षा का दूसरी पाली का प्रश्न पत्र पहली पाली में बंट जाने के कारण परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। लगभग 10 लाख अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा के लिए बुलाया गया था। 2 सितंबर 2018 को नलकूप आपरेटर की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिसमें यूपी एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। यह परीक्षा भी दोबारा करानी पड़ी थी।
इसके अलावा लगभग सभी प्रमुख परीक्षाओं में यूपी एसटीएफ न सिर्फ पेपर लीक करने वालों पर नजर रखती है बल्कि हर परीक्षा में कम से कम दो से चार साल्वर और साल्वर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। मौजूदा समय में चल रही दरोगा भर्ती परीक्षा के दौरान भी अब तक डेढ़ दर्जन साल्वर और नकल कराने वाले गिरोह यूपी एसटीएफ के हाथ लग चुके हैं।