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राहत: ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ मृत्युदर भी घटी, घातक नहीं यह लहर, सबसे ज्यादा चौथी वेब में हुई मौत

दिल्ली में कोरोना की पांच लहरों को लेकर पहला चिकित्सीय अध्ययन सामने आया है। नए अध्ययन में पता चला है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से मौजूदा पांचवी लहर घातक साबित नहीं हुई है। साथ ही इस लहर में चौथी लहर के मुकाबले मृत्युदर में साढ़े चार फीसदी व ऑक्सीजन सपोर्ट में भी 50.6 फीसदी की कमी हुई है। हालांकि, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या करीब 12 फीसदी तक जरूर बढ़ी है। 

मैक्स अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा के नेतृत्व में हुए अध्ययन के मुताबिक, वर्ष मार्च  2020 से लेकर जनवरी 2021 के दौरान 20833 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें से 35 फीसदी मरीजों को आईसीयू व 63 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। 

वहीं, मार्च 2021 से जून 2021 यानि चौथी लहर के दौरान 12,444 मरीजों भर्ती हुए। इसमें से 34 फीसदी मरीज आईसीयू व 74 फीसदी मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे। वहीं, दिसंबर 2021 से अब तक 1378 मरीजों को भर्ती किया गया। 

इसमें से 45.9 फीसदी मरीज आईसीयू में भर्ती हुए हैं, जबकि 23.4 फीसदी मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। बुद्धिराजा के मुताबिक, चौथी लहर में प्रतिदिन 26 हजार मामले आने के कारण अस्पताल के सभी बेड भर गए थे, जबकि ओमिक्रॉन की लहर में केवल एक बार ही 28 हजार मामले देखे गए और अब अस्पताल में बिस्तर खाली हैं। 

सबसे अधिक चौथी लहर में हुई मौत

आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में सबसे अधिक 10 फीसदी चौथी लहर के दौरान मौत हुई है। चौथी लहर के दौरान मृत्यु दर 10.5 फीसदी रही, जबकि शुरुआती तीन लहरों में यह 7.2 फीसदी थी। पांचवी लहर में मृत्यु दर घटकर छह फीसदी पर आ गई है, जो कि अब तक की सबसे कम मौतों का दर है।

राहत की बात यह भी है कि पांचवी लहर में एक भी बच्चे ने कोरोना से दम नहीं तोड़ा। अस्पताल में 41 बच्चों को भर्ती किया गया, जिनमें एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। हालांकि, दो बच्चों को वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया।