जबलपुर:यूक्रेन में रूस के साथ छिड़े युद्ध में भारतीय विद्यार्थी भी फंसे हुए है। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास में जबलपुर की रिया और इशिका पहुंच चुकी हैं। दूतावास में भारतीय मूल के करीब 450 से ज्यादा विद्यार्थी ठहरे हुए है। इन्हें भारत आने का इंतजार है।
इधर यूक्रेन की राजधानी कीव में वतन वापसी के लिए हवाई उड़ान मिलने का इंतजार कर रही है। जबलपुर में उनके स्वजन हर पल न्यूज चैनल पर घटनाक्रम देख रहे हैं क्योंकि हर धमाके के साथ उनकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
इस संबंध में रिया पाठक के पिता त्रिमूर्ति नगर निवास प्रवीण पाठक ने बताया कि उनकी बेटी होटल से टैक्सी में बैठकर दूतावास पहुंच गई है। अभी भारत आने के लिए कोई विमान नहीं है। दूतावास में सभी विद्यार्थियों का पंजीयन कर लिया है वे व्यवस्था में जुटे हुए है। दूतावास में खाने-पीने का इंतजाम भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रिया के साथ इशिता भी सुरक्षित है। शांति नगर निवासी विजय गुप्ता एवं सुशीला गुप्ता की पुत्री सुवी गुप्ता भी यूक्रेन में फंसी हुई है। रिया के पिता ने बताया कि सुवी के संदर्भ में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
एनएसयूआइ ने किया प्रदर्शन: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने की मांग एनएसयूआइ ने की है। संगठन के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सौरभ गौतम ने कहा कि हर देश अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में जुटा है लेकिन अभी तक भारत सरकार का मजबूत कदम नहीं दिखाई दे रहा है। संगठन ने जबलपुर की तीनों बेटियों को सुरक्षित लाने की मांग की है। सिविक सेंटर में इस संबंध में प्रदर्शन हुआ। नीलेश महार ने कहा कि आपदा के वक्त विद्यार्थियों को भारत लाने के लिए दो -तीन गुना ज्यादा किराया लिया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान अमित मिश्रा, मो.अली, करन तामसेतवार, कुनाल खटीक,अभिषेक पटेल आदि मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र: भारतीय युवा कांग्रेस ने यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखा। जिसे कलेक्टर को सौपा। इस दौरान इमरान मंसूरी, शादाब अली, श्रीकांत विश्वकर्मा, गौरव नन्होरिया, अमित राय, सोनू भोजक, विकास विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।
आसिफ का भी जबलपुर आने का इंतजार: यूक्रेन में जबलपुर का आसिफ रजा भी फंसा हुआ है। महेश योगी वार्ड रामनगर आधारताल निवासी आसिफ की मा तबस्सुम ने बताया कि आसिफ पिछले एक साल से यूक्रेन की बुकोविनियन स्टेट में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। युद्ध छिड़ने की वजह से आसिफ को लेकर चिंतिंत है। मा तबस्सुम का रो-रोकर बुरा हाल है।