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Nuclear Plant Attack: रूस के कारण पूरे यूरोप पर मंडराया खतरा, पुतिन पर भड़के ब्रिटिश पीएम

Nuclear Plant Attack: रूस और यूक्रेन के बीच जारी तबाही किसी भी वक्त भारी तबाही का कारण बन सकती है। रूस ने यूक्रेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु पॉवर प्लांट (Nuclear Power Plant) पर बम बरसाए हैं। परमाणु ऊर्जा संयंत्र ज़ापोरिज्जिया एनपीपी ( Zaporizhzhia nuclear power plant) पर हुई इस बमबारी के बाद एक हिस्से में आग लग गई है। आशंका है कि यदि आग पर काबू नहीं किया गया और रेडिएशन शुरू हो गया तो भारी तबाही मच सकती है। यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा के मुताबिक, रूसी सेना यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र ज़ापोरिज्जिया एनपीपी पर हर तरफ से गोलीबारी कर रही है। आग पहले ही भड़क चुकी है। अगर आग बढ़ी तो यहां चेरनोबिल से 10 गुना ज्यादा रेडिशन हो सकता है। यह खबर सामने आने के बाद अमेरिका तक हड़कंप मच गया है। इस माामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच फोन पर बात हुई है। नीचे देखिए Zaporizhzhia nuclear power plant पर बम बारी का वीडियो

इस बीच, यूके पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन की लापरवाही कार्रवाई अब यूरोप के सभी देशों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।’

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ट्वीट किया, ‘ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एनपीपी) पर गोलाबारी को लेकर आईएईए स्थिति के बारे में यूक्रेनी अधिकारियों के संपर्क में है।’ एसोसिएटेड प्रेस ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा, ‘ज़ापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र की साइट के पास विकिरण के ऊंचे स्तर का पता चला है। यहीं से यूक्रेन की बिजली उत्पादन का लगभग 25% हासिल होता है।’

लावरोव की सफाई, नहीं दी परमाणु युद्ध की धमकी

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को यहूदी मूल का बताते हुए कहा कि वह नाजीवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, युद्ध का मकसद यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकना है। लावरोव ने स्पष्ट किया कि परमाणु हमले की धमकी नहीं दी। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि जबसे अमेरिका ने राष्ट्रपति पुतिन और उनके करीबियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, तबसे यूक्रेन पर हमले बढ़ गए हैं। रूसी सरकार से कहा है कि वह यूक्रेन में खून बहाना तत्काल बंद करें।

यूरोपीय पर्यवेक्षण दल की सदस्य की मौत

यूक्रेनी सेना और विद्रोहियों के संघर्षविराम पर नजर रखने के लिए गठित यूरोपीय पर्यवेक्षण दल की सदस्य मरयाना फेनिना की गोलाबारी की चपेट में आने से मौत हो गई। रूसी हमले शुरू होने के बाद इस दल ने अपना काम बंद कर दिया है। इस बीच यूक्रेन की स्वघोषित आइटी आर्मी ने बेलारूस के रेल नेटवर्क को निशाना बनाने का एलान किया है। विदित हो कि रूस के सैनिक बेलारूस के रास्ते यूक्रेन आकर हमला कर रहे हैं।

रूस-यूक्रेन वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति

रूस और यूक्रेन की दूसरे दौर की वार्ता में एक-दूसरे के प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रगति हुई है। उसी का नतीजा है कि जल्द ही दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच तीसरे दौर की वार्ता होगी। रूसी दल का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा है कि हम लिखित बिंदुओं पर लिखित में वार्ता कर रहे हैं। हम सैन्य टकराव को राजनीतिक समाधान के जरिये खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दोनों पक्षों ने कुछ बिंदुओं पर सहमति जताई है। मेडिंस्की ने सहमति वाले बिंदुओं को सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया है। बैठक में नागरिकों के युद्धक्षेत्र से बाहर निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता देने पर भी सहमति बनी है। इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन की सेना नागरिकों को ढाल बनाकर हमले कर रही है। इससे कुछ लोग मारे जा रहे हैं।

यूक्रेन में सबसे बुरा वक्त आना बाकी : मैक्रों

यूक्रेन के युद्ध में सबसे बुरा वक्त आना अभी बाकी है। यह बात गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर वार्ता के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कही है। दोनों नेताओं की बातचीत करीब 90 मिनट तक चली। इससे पहले मैक्रों रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने की कई बार कोशिश कर चुके हैं। युद्ध छिड़ने से पहले उन्होंने मास्को का दौरा कर पुतिन से बात भी की थी। रूसी राष्ट्रपति के प्रति सख्त रुख का इजहार करते हुए मैक्रों ने कहा, पुतिन अकेले व्यक्ति हैं जिन्होंने यूक्रेन से युद्ध का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को एक-एक करके दरकिनार किया और उसके बाद यूक्रेन पर हमला कर दिया। उनके सामने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की सम्मान, स्वतंत्रता और साहस के प्रतीक बनकर उभरे हैं। इस युद्ध में रूस आक्रमणकारी बनकर सामने आया है। मैक्रों ने यह बात राष्ट्र के नाम संबोधन में कही है। उल्लेखनीय है कि फ्रांस ने यूक्रेन को सैन्य मदद देने की घोषणा की है। इस मदद में चार राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। दो महीने बाद फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव है।

यूक्रेन में रूसी सेना के मेजर जनरल की मौत

यूक्रेन की लड़ाई में रूसी सेना को अभी तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। युद्ध में रूसी सेना के मेजर जनरल आंद्रेई सुखोवेस्की (47) मारे गए हैं। वह रूस की सातवीं एयरबोर्न डिवीजन के कमांडिंग जनरल थे। इस डिवीजन के सैनिक यूक्रेन में लड़ रहे हैं। मेजर जनरल सुखोवेस्की की मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने सीरिया की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था।

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