भोपाल :कोरोना के मोर्चे पर राहत की खबर है। प्रदेश में हर दिन मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या सोमवार को दहाई अंक में सिमट गई। बीते चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश में 41,392 सैंपलों की जांच में कुल 82 मरीज मिले हैं। 28 जिलों में एक भी मरीज नहीं मिला है। इसके साथ ही प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 928 रह गई है। इंदौर में सर्वाधिक 128 और भोपाल में 103 सक्रिय मरीज हैं। अच्छी बात यह भी है कि प्रदेश में 28 जिलों में सोमवार को एक भी मरीज नहीं मिला है। प्रदेश भर में निजी और सरकारी अस्पतालों में 67 पाजिटिव और 40 संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। इनमें भोपाल के 35 और इंदौर के चार मरीज शामिल हैं।
मरीज कम होने के साथ ही जांच कराने वालों की संख्या भी कम हुई है। प्रदेश में हर दिन 70 हजार सैंपल लेने का लक्ष्य है। मरीज घटने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग का लक्ष्य कम नहीं किया है, लेकिन बीमारी कम होने की वजह से लोग जांच कराने के लिए नहीं आ रहे हैं। अभी जिन सैंपलों की जांच हो रही है, उनमें ज्यादातर स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थलों से लिए जाने वाले औचक सैंपल हैं। भोपाल में हर दिन 2000 से 2500 सैंपलों की जांच हो रही है। इनमें फीवर क्लीनिकों में खुद जाकर जांच कराने वालों की संख्या 200 से भी कम है।
कोरोना के अभी तक आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि मरीजों की संख्या कम होने के बाद कुछ दिन तक स्थिर रहती है। इसके बाद बढ़ने लगती है। इसकी वजह यह है कि मरीज कम होने पर लोग लापरवाही बरतना शुरू कर देते हैं। इस बीच कोई नया वैरिएंट भी आ जाता है और मरीज बढ़ते हैं। ऐसे में लोगों से यही अपील है कि मरीज कम होने के बाद भी सावधानी नहीं छोड़ें। मरीज कम होने के बाद कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर किस तरह से आई, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है।