सुबह पहली किरण के साथ तपन और दिन चढ़ने के साथ झुलसाती धूप और गर्म हवाओं का आभास…। अमूमन मई में दिखने वाला मौसम का यह तेवर मंगलवार को ही दिखा, जबकि अभी मार्च बीतने में दस दिन बाकी हैं। गर्मी के यह मिजाज आम आदमी को चौंका रहा है तो मौसम विज्ञानी भी इसे असामान्य करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि दक्षिण से हवाएं समय से पहले आ गईं, जिससे हीट वेव जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
बीएसआईपी के वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक कहते हैं कि दिल्ली-लखनऊ में यदि लगातार 10-12 दिन तक 39 डिग्री से अधिक तापमान बना रहता है तो हीट वेव मान लेते हैं। यह मानक मई के हिसाब से है। ऐसे में मार्च में 39 डिग्री के करीब तापमान का पहुंचना असामान्य परिस्थिति को दर्शाता है। इसी तरह दक्षिण की तरफ से आने वाली गर्म हवाएं आमतौर पर मई में चलती हैं, लेकिन मार्च में इसका असर दिख रहा है।
माह के अंत तक तापमान में बढ़ोतरी जारी
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सीएम नौटियाल बताते हैं कि 21 मार्च का अधिकतम तापमान 39 डिग्री रहा, जो सामान्य से अधिक था। मौसम से मिल रहे संकेत बता रहे हैं कि दिन के समय कुछ समय के लिए छाई बदली रात भर रहती है तो मंगलवार को दिन का तापमान और बढ़ने के आसार हैं। मार्च के अंत तक तापमान में वृद्धि का दौर जारी रह सकता है। बताया कि केरल व अंडमान निकोबार को छोड़ दें तो जितनी वर्षा मार्च तक हो जाती थी, उससे बहुत कम हुई है। इससे भी गर्मी बढ़ रही है। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ, जिससे तापमान में कमी नहीं आ पाई है।
पिछले साल 30 मार्च को 40 डिग्री था पारा
बीते साल मार्च के तापमान को देखें तो 16 से लेकर 21 मार्च तक यह 34 से 36 डिग्री के आसपास तक था। वहीं, न्यूनतम पारा 18 से 21 डिग्री के करीब था। 30 मार्च को अधिकतम पारा 40 पार गया था।
इस वर्ष मार्च में पारे की रफ्तार
तारीख अधिकतम न्यूनतम
21 मार्च 39.0 22.1
20 मार्च 37.2 21.2
19 मार्च 37.0 22.1
18 मार्च 35.8 21.8
17 मार्च 34.8 21.7
16 मार्च 37.2 21.2
बीते साल मार्च में पारे का हाल
तारीख अधिकतम न्यूनतम
21 मार्च 35.7 17.9
20 मार्च 35.0 21.4
19 मार्च 34.0 21.2
18 मार्च 35.1 18.7
17 मार्च 34.0 17.9
16 मार्च 34.0 18.7 (आंकड़े डिग्री सेल्सियस में)