बदलते बनारस की सबसे महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना को दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। रोपवे के स्टेशन को जगह के साथ ही किसी व्यक्ति व संस्था के नाम से जोड़ा जा सकेगा। कार्यदायी संस्था तय होने के बाद उसकी ओर से तैयार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में यह प्रस्ताव भी होगा।
दिल्ली मेट्रो की तरह ही रोपवे के अंतिम स्टेशन गोदौलिया पर चारों दिशाओं में निकास द्वार बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार की ओर से बजट आवंटित होने के बाद रोपवे परियोजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कैंट से गोदौलिया के बीच बनने वाली परियोजना में रोपवे का एलाइंमेंट सीधा रखने की योजना है।
लक्सा के आगे पहाड़ सी होगी ऊंचाई
गिरिजाघर चौराहे पर बहुमंजिला इमारत के चलते लक्सा स्टेशन से रोपवे को पहाड़ जैसी ऊंचाई पर ले जाया जाएगा। गिरिजाघर के बाद गोदौलिया के बीच ढलान रहेगा। निविदा के दौरान ही कुछ शर्तों लगाई जाएंगी, जिससे इसमें जन सहभागिता हो। कैंट से साजन तिराहे के बीच रोपवे को वर्ष 2023 में शुरू करने की योजना है।
इस बीच बनने वाले चार स्टेशन को जगह के साथ ही किसी संस्था व व्यक्ति के नाम को शामिल किया जा सकेगा। इसके लिए शुल्क निर्धारित होगा। डीपीआर में जन सहभागिता से जुड़े अन्य सुझाव भी शामिल किए जाएंगे। कैंट से गोदौलिया के बीच बनने वाली रोपवे परियोजना को नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सर्वे के साथ ही फंडिंग की व्यवस्था की जा रही है।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि रोपवे परियोजना की निविदा प्रक्रिया चल रही है और कई कंपनियों ने इसमें रुचि भी दिखाई है। इसमें स्टेशन में जगह के साथ संस्था व व्यक्ति का नाम नियम शर्तो के साथ जोड़ने का प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही रोपवे परियोजना को लेकर मंथन किया जा रहा है।
शिफ्ट कराई जाएंगी जमीन के अंदर की जनसुविधाएं
कार्यदायी संस्था तय होने के बाद कैंट से गोदौलिया के बीच जमीन के अंदर की जन सुविधाओं को जरूरत के हिसाब से शिफ्ट कराया जाएगा। इसके लिए विभागों से रिपोर्ट भी मांगी गई है और इस रूट पर सर्वे कराया जाएगा। जिन जगहों पर रोपवे के टॉवर बनाए जाएंगे वहां यह काम कराया जाएगा।
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