Wednesday , December 18 2024

Kanpur Violence: एसीपी ने बवाल रोकने के लिए उपद्रवियों से लिया था मोर्चा, हयात से पूछा था- बाजार बंद क्यों कराया जा रहा

संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने की गश्त

कानपुर हिंसा और बवाल टालने के लिए एसीपी अनवरगंज मोहम्मद अकमल खान ने हर संभव कोशिश की थी। पहले बातचीत से मामला शांत कराने का प्रयास किया था। वहीं, जब माहौल बिगड़ा तो उपद्रवियों से मोर्चा लेकर उनको खदेड़कर हालात काबू करने में जुटे रहे थे। इसी दौरान वह जख्मी हुए थे। मोबाइल नंबर की सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि हुई।
तीन जून को शहर में वीवीआईपी मूवमेंट था। राष्ट्रपति, पीएम व सीएम को आना था। एसीपी अनवरगंज मोहम्मद अकमल खान की एयरपोर्ट पर वीवीआईटी ड्यूटी लगी थी। बेकनगंज इंस्पेक्टर नवाब अहमद की भी दूसरी जगह ड्यूटी थी। एसीपी के मुताबिक दोपहर करीब डेढ़ बजे उनको भीड़ जुटने की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों को बताया। साथ ही इंस्पेक्टर को मौके पर भेजा।
करीब पौन घंटे बाद पता चला कि लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। तब उच्चाधिकारियों ने एसीपी को तत्काल मौके पर भेजा। इस दौरान एसीपी ने हयात से फोन पर बात की और उसको फटकारा। यह भी बोला कि जब बाजार बंदी की कॉल वापस ले ली गई थी, तो भीड़ क्यों जुट रही है। 

करीब तीन बजे एसीपी नई सड़क पहुंच गए। विवाद शुरू हुआ तो एसीपी व उनके साथ मौजूद सात-आठ पुलिसकर्मियों ने मोर्चा लिया। हाते के बाहर खड़े हो गए। पहली बार में लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। जब दोबारा भीड़ आई तो पथराव हुआ। इसके कुछ देर बाद सीपी समेत भारी पुलिस बल पहुंचा था। 

हयात से की तीन बार बात, भीड़ हटाने को कहा
एसीपी ने बताया कि जब वह एयरपोर्ट से नई सड़क के लिए निकले थे, तो रास्ते में तीन बार हयात से फोन पर बात की। यह भी हिदायत दी कि तत्काल भीड़ को वह हटवाए। हयात ने आश्वासन दिया कि भीड़ को वह हटवा रहा है। मगर ऐसा नहीं किया। एसीपी ने यह भी उससे कहा कि बाजार बंदी की कॉल वापस लेने के बाद ऐसा किया जा रहा है, तो तुम पर ही कार्रवाई होगी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना।

बात करना कोई गुनाह नहीं 
एसीपी ने कहा कि जब बाजार बंदी का आह्वान किया गया था तो हयात जफर हाशमी को एक जून को कार्यालय में बुलाया गया था। उसको समझाया गया था, तब उसने प्रोग्राम रद्द करने की बात कही थी। एसीपी ने कहा कि हयात उसके क्षेत्र का रहने वाला है। कानून-व्यवस्था के मद्दनेजर उससे बातचीत की गई थी, इसमें कोई गुनाह नहीं है।

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