सेवानिवृत्ति से सात दिन पहले गुरुवार को अचानक हटाए गए एलडीए के मुख्य अभियंता (सिविल) इंदुशेखर सिंह व कमिश्नर एवं एलडीए अध्यक्ष रंजन कुमार के बीच रार बढ़ती जा रही है। इंदुशेखर ने आरोप लगाया है कि कमिश्नर ने बटलर पैलेस में आवंटित आवास का सौंदर्यीकरण कराने के लिए 81 लाख से अधिक के काम का प्रस्ताव चंद घंटे में बनवाकर मंजूरी की फाइल चला दी। वहीं, 218 करोड़ रुपये से जनहित के काम अटकाए पड़े हैं। उधर, कमिश्नर का कहना है कि इन कामों के लिए जल्द बैठक होनी है। समिति के अनुमोदन पर ही काम होंगे।
इंदुशेखर ने आरोप में बताया कि 218 करोड़ के कामों में सीजी सिटी, गोमतीनगर विस्तार, बसंतकुंज योजना, शारदानगर आदि की सड़क, बंधा रोड, पंपिंग स्टेशन शामिल हैं। अवस्थापना निधि से कराए जाने वाले कामों का प्रस्ताव आठ माह पहले तैयार किया गया। अभियंत्रण इकाई ने प्रस्तावों को मंजूरी के लिए कमिश्नर को भेजा था। तीन माह तक रखने के बाद इन फाइलों को बिना मंजूरी के लौटा दिया गया।
आरोप में यह भी कहा कि मंडलायुक्त के नाम पर राज्य संपत्ति विभाग ने बटलर पैलेस में ए-तीन आवास का आवंटन किया था, उसे कमिश्नर रंजन कुमार ने परिवार सहित पिछले हफ्ते ही मौका मुआयना किया था। उनके साथ एलडीए के सिविल एवं इलेक्ट्रिकल के अभियंता भी थे। अभियंताओं ने जब राज्य संपत्ति विभाग के आवास के सौंदर्यीकरण का कार्य एलडीए से कराने पर आपत्ति दर्ज कराई तो उनको डांट भी खानी पड़ी। इसके बाद तीन घंटे में कार्य कराने के प्रस्ताव को तैयार कराया गया।
218 करोड़ के प्रमुख कार्य के प्रस्ताव व लागत
– गऊघाट पर सेतु का ग्रीन कॉरिडोर के पार्ट का निर्माण कार्य: 50 करोड़
– आईआईएम रोड से होडिंग ब्रिज तक बंधे का निर्माण व सड़क चौड़ीकरण: 20 करोड़
– पिपराघाट से शहीद पथ तक के निर्माणाधीन सड़क से कानपुर रोड जाने के लिए स्लिीप रोड: 8.70 करोड़
– गोमतीनगर विस्तार सेक्टर चार में 20 एमएलडी क्षमता के पंपिंग स्टेशन का निर्माण: 12 करोड़
– सीजी सिटी में वेटलैंड का विकास एवं पार्क का निर्माणः 12 करोड़
– शारदानगर में पीएम आवासों के लिए 33 केवी उपकेंद्र की लाइन का कार्य: सात करोड़
– बसंतकुंज में पेयजल आपूर्ति के लिए दो नग डीप नलकूपों का निर्माणः 12.1 करोड़
आवास बंधु में जिम्मेदारी संभाली
प्रमुख सचिव के बृहस्पतिवार को एलडीए के मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह को हटाने के बाद सचिव पवन कुमार गंगवार ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया। हालांकि, मुख्य अभियंता शुक्रवार को एलडीए पहुंचे और दो घंटे तक बैठे। इससे अधिकारी व कर्मचारी आश्चर्य में पड़ गए। दो घंटे तक कार्यालय में बैठने के बाद वह चले गए और प्रमुख सचिव से मुलाकात कर हटाए जाने को लेकर पक्ष पेश किया और फिर आवास बंधु में जिम्मेदारी संभाल ली। इंदुशेखर सिंह का 30 जून तक का कार्यकाल बचा है।
जब से बने थे अध्यक्ष नहीं की बैठक
इंदुशेखर सिंह ने यह भी कहा कि रंजन कुमार जबसे एलडीए अध्यक्ष बने, अवस्थापना के कामों के सिलसिले में एक भी बैठक नहीं की, जबकि साल में कम से कम दो बैठक करना अनिवार्य है। उनकी उदासीनता से अवस्थापना निधि से कराए जाने वाले 218 करोड़ रुपये के जनहित के काम अटके पड़े हैं।
आवास मंडलायुक्त के नाम पदेन आवंटित, मेरे नहीं
मामले को लेकर मंडलायुक्त रंजन कुमार का कहना है कि अवस्थापना निधि से जिस आवास पर काम कराने का प्रस्ताव बना, वह मंडलायुक्त के नाम पदेन आवंटित है। जो मंडलायुक्त बनेगा, इसी आवास में रहेगा। अभी तक मंडलायुक्त का कोई आवास लखनऊ में तय नहीं था। अब इसके लिए आवंटन हुआ है। यहां बैठक करने के लिए मीटिंग रूम और कैंप कार्यालय भी बनाया जाना है। इसके लिए अवस्थापना निधि से काम कराने पर चर्चा हुई थी। इसके लिए अभी अनुमोदन नहीं हुआ है।
संपत्ति विभाग ने भी अपनी इस संपत्ति में काम कराने के लिए प्रस्ताव बनाया है। कहा, मुख्य अभियंता ने अवस्थापना निधि से काम कराने पर आपत्ति की। किसी ने इसका विरोध भी नहीं किया है। अवस्थापना निधि से काम कराने का एक तरीका है। इसके लिए प्रस्ताव एलडीए बनाता है, जिसे जरूरी चर्चा के लिए समिति के सामने रखा जाता है। इन कामों के लिए जल्द बैठक होनी है। समिति अनुमोदन देगी, तभी बाकी कामों के साथ मंडलायुक्त आवास पर काम कराए जाएंगे।