सार
सीएम योगी ने हाल ही में एमएसएमई विभाग को प्रदेश में आयात होने वाले उत्पादों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी के ड्राई पोर्ट (रेल या सड़क परिवहन से बंदरगाह का जुड़ना) से 55 हजार करोड़ से अधिक के 95 उत्पाद आयात हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – फोटो : Lok Nirman Times
विस्तार
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर के मुख्यमंत्री योगी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सेक्टरवार रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदेश में आयात होने वाले 95 उत्पादों को चिह्नित किया गया है। इनका उत्पादन प्रदेश में ही करने की योजना बनाई गई है।
सीएम योगी ने हाल ही में एमएसएमई विभाग को प्रदेश में आयात होने वाले उत्पादों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी के ड्राई पोर्ट (रेल या सड़क परिवहन से बंदरगाह का जुड़ना) से 55 हजार करोड़ से अधिक के 95 उत्पाद आयात हुए हैं।
इसमें 10 हजार करोड़ से लेकर सौ करोड़ रुपये तक के 48 उत्पादों का आयात किया गया है। इस बाबत एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना है कि आयात होने वाले इन उत्पादों को यहीं तैयार किया जाए।
प्रदेश में आयात होने वाले टॉप-10 उत्पाद
पहले नंबर पर इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के 10,200 करोड़ के ट्रांसफार्मर, जेनरेटर, मिक्सर ग्राइंडर, सेमी कंडक्टर चिप, प्रोसेसर और मेमोरीज आदि उत्पाद हैं। दूसरे नंबर पर 6592 करोड़ के मछली का तेल, कैस्टर ऑयल, सोयाबीन का तेल व अन्य खाद्य तेल हैं।
तीसरे नंबर पर 6315 करोड़ के न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर्स और बड़े प्लांट में उपयोग होने वाली मशीनरी। चौथे नंबर पर 4906 करोड़ के प्लास्टिक पैलेट्स। पांचवें नंबर पर 2817 करोड़ के एल्यूमीनियम, आयरन, स्टील और कॉपर के उत्पाद।
छठे नंबर पर 1592 करोड़ के ऑर्गेनिक केमिकल्स, सातवें नंबर पर 1590 करोड़ के सर्जिकल उपकरण, आठवें पर 1515 करोड़ के सोने-चांदी के आभूषण व रत्न, नौवें पर 1207 करोड़ के पेपर बोर्ड, कार्ड बोर्ड, केमिकल के बने हार्ड बोर्ड और दसवें नंबर पर 1106 करोड़ रुपये के निकिल व निकिल स्क्रैप मेटल्स का आयात होता है।