प्रियंका गांधी नहीं जानती मणिपुर पर पीएम मोदी कितना व्यथित हैं
ममता हो या प्रियंका, बंगाल व राजस्थान में देखें वहां क्या हो रहा है
सुरेश गांधी
वाराणसी : शहर के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय इंटरनेशनल टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने आए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने ज्ञानवापी के वजू खाने को छोड़कर पूरे परिसर के एएसआई सर्वे के लिए कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसे ठीक और उचित बताते हुए कहा कि राम मंदिर जैसा ज्ञानवापी भी भव्य मंदिर होगा। प्रियंका गांधी द्वारा मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री के चुप्पी के आरोप पर अश्विनी चौबे ने प्रियंका गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि प्रियंका गांधी नहीं जानती मणिपुर पर पीएम मोदी कितना व्यथित हैं. कहा कि ममता हो या प्रियंका, बंगाल व राजस्थान में देखें वहां क्या हो रहा है वाराणसी की जिला अदालत के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एसआई सर्वे किए जाने का आदेश दिए जाने पर अश्वनी चौबे ने हर्ष व्यक्त किया। अश्वनी चौबे ने कहा कि कोर्ट ने जो भी निर्णय लिया है, वह सोच समझ कर लिया है। मुझे विश्वास है कि गोट लोगों की जन भावनाओं का निश्चित तौर पर कद्र करेगी। अश्वनी चौबे ने कहा कि इससे पहले वैज्ञानिक सर्वे अयोध्या की भूमिका भी हुआ, वहां सब कुछ सिद्ध हुआ। मुझे लगता है कि हमारे सभी जो आस्था के प्रतीक हैं , निश्चित रूप से भविष्य में ज्ञानवापी मंदिर भविष्य में बनेगा।
केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहां की ज्ञानवापी पर कोर्ट द्वारा दिया फैसले पर कहा कि यह फैसला सनातन धर्मावलंबियों के लिए और यहां के लोगों की भावना के अनुकूल होगा. यह ठीक है, यह उचित है. वहीं उन्होंने मध्य प्रदेश में मणिपुर की घटना पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी को यह नहीं मालूम कि मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री की किस तरह की संवेदना है और वह किस तरह से व्यथित हैं. प्रियंका गांधी को इसकी चिंता करनी चाहिए, ममता जी हो या कोई भी जी हो वह बंगाल में राजस्थान में जरा वह अपने दहलीज में देखें क्या होता है. उनके यहां की महिलाओं के साथ बलात्कार, अत्याचार, दुराचार हो रहा है. ममता बनर्जी ने 2024 के लिए हमारा ही नारा ले लिया है भारत जीतेगा. इसमें कहीं दो मत नहीं है लेकिन ममता बनर्जी ने और महागठबंधन के लोगों ने जिस तरह से इंडिया बनाया है इन लोगों ने यह ईस्ट इंडिया कंपनी बना करके देश को लूटने का काम किया है.
अश्विनी चौबे ने कहा कि जिस तरह अंग्रेजों ने भारत को लूटा था, यह लोग भी परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार के पोषक है. जातिवाद और भ्रष्टाचार के विरुद्ध इन लोगों ने देश को लूटने के लिए अपने गठबंधन का नाम ’इंडिया’ दिया है. अश्वनी चौबे ने विपक्ष के हंगामे को लेकर कहा कि विपक्ष केवल मुद्दों को उठाकर भाग जाती है चर्चा नहीं करती है यह नहीं चलेगा। विपक्ष एकजुट होने के बजाय अपना सत्यानाश करा रही है। अश्वनी चौबे ने कहा कि मणिपुर के लोगों में समझ का अंतर है यही वजह है कि वहां पर हिंसा फैली। मणिपुर हिंसा में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो केवल हिंसा पर उतारू हो गए हैं। जब वहां के लोग एक दूसरे को समझ लेंगे कि एक दूसरे का भला कैसे हो, एक दूसरे जाति के प्रति जो दूषित भावना है उसको दूर करना होगा। जो घृणित कार्य हुआ है और शासन प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। नारी शक्ति का अपमान करें ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बिहार के बेगूसराय में महिला को निर्वस्त्र कर कमरे में पीते जाने का वीडियो सामने आने पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने घटना पर निंदा व्यक्त किया। अश्वनी चौबे ने कहा कि बिहार में महिला को निर्वस्त्र किया गया या बेहद ही दुर्भाग्य है, बिहार में जो घटना हुई है उसकी हम निंदा करते हैं। इस पूरे प्रकरण में कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। गाड़ी हमारे सम्मान और संस्कृति का विषय है इसके साथ हैवानियत नहीं करनी चाहिए। ऐसी हैवानियत को हमें समाज से दूर करना ही होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार प्रदान करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन नहीं रहे बल्कि अब यह दुशासन हो चुके हैं, कुछ समय के लिए सुशासन थे लेकिन अब यह दुशासन बंद करके दुश्चरित्र लोगों की गोद में बैठ गए हैं। नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाए जाने पर अश्वनी चौबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह पलटू राम है, प्रदेश का मंत्री या प्रधानमंत्री तो छोड़ दीजिए अब आने वाला भविष्य भी उनका वैसा होगा। पलटू राम पलटते रहते है, अब पलटू राम का अंतिम पलट होगा और वह जाकर के अब संयास ले लेंग। नीतीश कुमार के साथ बीजेपी के गठबंधन पर अश्वनी चौबे ने कहा कि कभी भी नहीं अब उनमें है क्या ? अब वह सोलह श्रृंगार करके बैठ जाएंगे तो उनके पास कोई नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक देश को एक सूत्र में पिरो सकते हैं। हर सनातनी का घर मंदिर है और इन मंदिरों को जोड़कर हम भारत को फिर से विश्वगुरू बना सकते हैं। जिसको धर्म का पालन करना है वो धर्म के लिए सजग रहेगा। निष्ठा और श्रद्धा को जागृत करना है। छोटे स्थान पर छोटे से छोटे मंदिर को समृद्ध बनाना है। समय आ गया है कि अब देश और संस्कृति के लिए त्याग करें।आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रसाद लाड ने हर तीन साल में मंदिरों के महासम्मेलन की घोषणा की। उन्होंने कहा, “आम आदमी का पैसा आम आदमी तक पहुंचाया जाए। मंदिर के पैसों से मंदिरों का जीर्णोद्धार हो। जो लंगर गुरुद्वारे में चलता है, वो मंदिरों में भी चले। लंगर में भक्त प्रसाद और भूखे को भोजन मिलेगा। बुक बैंक, मेडिकल हेल्प, लंगर मैनेजमेंट करना होगा। स्वच्छता मंदिरों की प्राथमिकता होगी, फूल प्रसाद समेत सामग्री निस्तारण का फुल प्रूफ प्लान बनाया गया है जो परिवर्तन लाएगा।
मंदिरों के प्रबंधकों का रहा जमावड़ा
देश की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में मंदिरों का महाकुंभ लगा है। इस कार्यक्रम में भारत के 350 और दूसरे देशों के 35 मन्दिरों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की है। 14 विशिष्ट मन्दिरों की सूची में काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकाल ज्योतिर्लिंग, अयोध्या राम मंदिर, पटना साहेब गुरुद्वारा, चिदंबरम मंदिर के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इसके अलावा विरूपक्ष मंदिर हम्पी आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। कर्नाटक में विरुपाक्ष मंदिर, मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और तमिलनाडु में चिदंबरम नटराज मंदिर, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़े मंदिरों और जैन धर्मशालाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद हैं।