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हमें टेक्नालॉजी के डब्बे से बाहर निकलना होगा वरना दिमाग हो जाएगा डब्बा : सतीश महाना

विधानसभा अध्यक्ष ने ‘भुला न देना’, ‘प्रोफेसर मां के लाल’ तथा ‘महाशून्य’ पुस्तक का किया विमोचन

-डी.एन. वर्मा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने गुरुवार को रविंद्रालय में आयोजित पुस्तक मेले में वरिष्ठ पत्रकार और उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार श्रीधर अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक ‘भुला न देना’ डॉ मनीष शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक ‘प्रोफेसर मां के लाल’ एवं डॉ रश्मि कौशल द्वारा लिखित पुस्तक ‘महाशून्य’ का विमोचन किया और लेखकों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सतीश महाना ने कहा कि टेक्नालॉजी के डिब्बे यानी मोबाइल से बाहर आकर ही साहित्य का मेला दिखेगा। हमटेक्नालॉजी के गुलाम हो गये हैं। कहीं इस एक हाथ से पकड़े डब्बे के कारण हमारा दिमाग भी डब्बा न हो जाए, क्योंकि जो हम सुनते हैं वहीं सोचते हैं और फिर वही करते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने मंच से न्योता दिया कि मेले में आये सभी साहित्यकार विधानसभा में आयें भ्रमण करें। उसके बदले स्वरूप को देखें जाने और कार्य प्रणाली को समझें। श्री महाना ने कहा कि कल महिला दिवस है। तमाम कार्यक्रम होंगे हमने भी विधानसभा में सत्र के दौरान महिला दिवस पर केवल महिलाओं को बोलने, संचालन करने की व्यवस्था की जिसका नतीजा हुआ कि सदन में चार बार की विधायक रही महिला सदस्य ने पहली बार बोला।

इसके पूर्व अपनी पुस्तक ‘प्रोफेसर मां के लाल’ के बारे में बताते हुए लेखक डॉ मनीष ने कहा कि कहानियां हर किसी के आसपास बिखरी हुई हैं। प्रोफेसर माँ के लाल भी जीवन में होने वाली घटनाओं से ली गई कहानियों का संग्रह है। श्रीधर अग्निहोत्री ने बताया कि उनकी किताब भुला न देना में सिनेमा और टीवी के उन सुपर स्टार कलाकारों का जिक्र है, जिनकी वक्त के साथ चमक फीकी पड़ गई और वो भुला दिये गए। इस अवसर पर डॉ अमिता दुबे, सिद्धार्थ कलहंस, विनोद शुक्ल, अलका प्रमोद, रेखा बोरा, डॉ शिल्पी शुक्ला, पंचानन मिश्र, मनोज शुक्ल मनुज, राजीव तिवारी, चंद्रभूषण सिंह, गजल गायक सरभजीत सिंह आदि चर्चित कवियों ने काव्यपाठ किया।