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इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी केंद्र का निरीक्षण कर फाइलेरिया मरीजों का जाना हाल

आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेदा, नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफ़ेसर ने मरीजों के घर भी जाकर मुलाक़ात की

लखनऊ : आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेदा, नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. ग़ालिब ने बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, इंदिरानगर में संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी (आईएडी) केंद्र का निरीक्षण किया और फाइलेरिया मरीजों का हाल जाना l उन्होंने बाद में मुंशी पुलिया निवासी फाइलेरिया मरीज सोनू सागर, भूतनाथ मार्केट क्षेत्र की पूनम देवी और बाल्मीकि नगर की फातिमा से उनके घर जाकर मुलाक़ात की और उपचार केंद्र की सेवाओं से मिले लाभ के बारे में जाना।

मरीजों ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल और नियमित योग से जीवन में आये बदलाव के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही भरोसा भी दिलाया कि केंद्र पर मिली जानकारी का वह आगे भी पालन करेंगे और अपने साथ ही दूसरे फाइलेरिया मरीजों के जीवन को सरल बनाने का काम करेंगे। डॉ. ग़ालिब ने कहा कि वर्षों से फाइलेरिया (हाथी पाँव) की असहनीय पीड़ा के साथ जीवन गुजार रहे गंभीर मरीजों के जीवन को आसान बनाने की हरसंभव कोशिश में इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी (आईएडी) संस्था जुटी है। आयुर्वेद, एलोपैथी और योग की एकीकृत पद्धति से फाइलेरिया मरीजों के उपचार में जुटी संस्था ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी में उपचार केंद्र की शुरुआत की है। केंद्र पर बिना किसी खर्च के फाइलेरिया मरीजों के उपचार के तहत फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के साथ जरूरी व्यायाम सिखाये जाते हैं। व्यायाम से सूजन में कमी आने के साथ ही एक्यूट अटैक से भी बचाव होता है।

इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी संस्था के डॉ. गुरु प्रसाद ने बताया कि पिछले साल जून में शुरू हुए लखनऊ केंद्र से अब तक 450 फाइलेरिया मरीज सम्पर्क कर चुके हैं। अब तक 155 फाइलेरिया मरीजों को केंद्र पर 14-14 दिन का फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के साथ ही योग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया ह। इन मरीजों में से करीब 89 प्रतिशत मरीजों का फालोअप भी किया गया है। फालोअप के दौरान जब मरीज बताते हैं कि केंद्र पर उपचार के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है और वह अपने जरूरी अब काम खुद से कर लेते हैं तो यह सुनकर बड़ा सुकून मिलता है।

इस मौके पर क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसन्धान संस्थान के सहायक निदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह, अनुसन्धान अधिकारी डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव और डॉ. अंजलि बी. प्रसाद भी उपस्थित रहीं। उत्तर प्रदेश सरकार और आयुष मंत्रालय के नेतृत्व में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के वित्तीय सहयोग से संचालित लखनऊ उपचार केंद्र पर सुविधा का लाभ उठाने के लिए मोबाइल नम्बर- 9567703334 और वाराणसी केंद्र के लिए मोबाइल नम्बर 9567283334 पर सम्पर्क कर सकते हैं।