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दर्जा प्राप्त मंत्री तारकेश्वर मिश्र के निजी मकान में रहते थे श्रवण हत्या काण्ड के शूटर

सेक्स रैकेट चलाने वाले का एहसान चुकाने के लिए शूटरों ने की श्रवण की हत्या

गिरफ्तार शूटर सत्यम और अमन ने श्रवण साहू की हत्या जेल में बंद अपने आका अकील अंसारी का अहसान चुकाने के एवज में की थी। सत्यम ने सीतापुर रोड स्थित रामेश्वरम इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया है जबकि अमन ग्रेजुएशन करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

लखनऊ पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीम ने दोनों को बृहस्पतिवार शाम रानीबाग दिल्ली में चार्ली बेकरी के पास से दबोचा था। देर रात दोनों को लखनऊ लाया गया, जहां पुलिस के आला अधिकारियों ने उनसे घंटों पूछताछ की।

 एसएसपी ने बताया कि अकील जब जेल से जमानत पर छूटकर आया तो इंदिरानगर की शिवपुरी कॉलोनी में सत्यम और अमन के किराये के घर पर रहने लगा। यह मकान दर्जा प्राप्त मन्त्री  तारकेश्वर मिश्र का है, जिसका किराया 12000 रुपये प्रति महीना था। यही से गलत काम होते थे ।

शूटरों के मददगार अंबेडकरनगर के समनपुर दशहरा निवासी अजय पटेल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अजय पटेल यहां इंदिरानगर में किराये का मकान लेकर रह रहा था। वहीं, अजय, सत्यम और अमन को 23 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया गया।

एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि श्रवण साहू हत्याकांड में अकील के साथ ही सात लोगों की भूमिका सामने आई है। अकील ने साजिश रची और अंबेडकरनगर के बसखारी थाना क्षेत्र के पटना मुबारकपुर में रहने वाला सत्यम पटेल उर्फ उत्तम उर्फ रॉकी व बस्ती के कलवारी इज्जरगढ़ निवासी अमन प्रताप सिंह से हत्या कराई। हत्या के लिए सुल्तानपुर के राजू से असलहे लिए गए थे।हत्या के बाद इस तरह सामान लगाया था ठिकाने

अकील के करीबी प्रतापगढ़ के सिविल लाइंस निवासी रोहित उर्फ पंडित ने शूटरों को श्रवण के मकान की रेकी कराई थी। इंदिरानगर के मानस विहार निवासी विवेक वर्मा ने अपनी नई पल्सर बाइक दी थी जबकि हत्या के बाद शूटरों ने इंदिरानगर के शिव विहार में रहने वाले परिचित अजय पटेल के घर पर सामान छिपाया था।

शूटरों ने श्रवण की हत्या के लिए सुपारी लेने की बात से इन्कार किया है। शूटरों का कहना था कि अकील उनके खर्चे उठाता था इसलिए उसका एहसान चुकाने के लिए श्रवण को रास्ते से हटाने की साजिश रची।

एसएसपी के मुताबिक, सत्यम पटेल उर्फ उत्तम उर्फ रॉकी और अमन प्रताप सिंह करीब छह महीने से अकील के साथ इंदिरानगर स्थित किराये के मकान में रह रहे थे।

कमाई कुछ भी नहीं फिर भी महंगे कपड़े और पार्टियों के शौकीन

दोनों के पास आय का कोई साधन नहीं था फिर भी महंगे कपड़े पहनकर रोज क्लबों-बार में शराब व मुर्गे की दावत उड़ाते थे। घर पर भी लड़के-लड़कियों का जमावड़ा लगा रहता था। दोनों का पूरा खर्च अकील ही उठा रहा था। घूमने-फिरने के लिए बाइक भी दे रखी थी।

आधा किराया अकील देता था, जबकि आधा किराया सत्यम और अमन छोटे-मोटे अपराध से कमाए गए रुपये से चुकाते थे। इसी मकान में अकील ने कई बार श्रवण साहू से रंजिश का जिक्र किया। उसने दोनों को श्रवण को रास्ते से हटाने के लिए उकसाया।

सेक्स रैकेट चलाकर मालदार बना था अकील

पुलिस की मुखबिरी करने वाले अकील ने सेक्स रैकेट के जरिये बेहिसाब कमाई की। ट्रांस गोमती में उसका सेक्स रैकेट सबसे चर्चित था। इसमें पुलिस के कई दरोगा-सिपाही भी शामिल थे। अकील दिल्ली-मुंबई से लड़कियां बुलाता था।

कई बार उसने रसूखदारों के करीब आने के लिए उन्हें लड़कियां पेश की थीं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सत्यम का भी ट्रांस गोमती में सेक्स रैकेट था। अकील के करीबी रोहित उर्फ पंडित ने सत्यम और अमन को साथ जोड़ लिया था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सत्यम को तीन साल पहले गोमतीनगर विस्तार से सेक्स रैकेट के संचालन में पकड़ा भी गया था। खबर यह भी है कि सत्यम ने अपनी दिल्ली निवासी गर्लफ्रेंड रिया को भी सेक्स रैकेट में शामिल कर लिया था। वह अक्सर अपने साथ कई लड़कियां लेकर लखनऊ आती थी।

अकील ने सेक्स रैकेट से न सिर्फ अकूत कमाई की बल्कि रसूखदारों से संबंध भी बनाए। अक्सर वह पुलिसकर्मियों और रसूखदारों को लग्जरी कारों में ही शराब और मुर्गे की दावत देता था। अकील ने सेक्स रैकेट के लिए ही विकासनगर में भी एक मकान ले रखा था।

अकील ने खर्च पर पल रहे सत्यम और अमन से श्रवण की हत्या कराने की साजिश रची। वह आए दिन शूटरों को इमोशनली ब्लैकमेल करता। श्रवण साहू की वजह से अपनी इज्ज्त बर्बाद होने की दुहाई देता।

शराब के नशे में धुत शूटर भी रात को उसे रास्ते से हटाने की कसमें खाते और सुबह मौज-मस्ती में सब भूल जाते। अकील को शूटरों से निराशा हुई तब उसने क्राइम ब्रांच के दरोगा-सिपाहियों से मिलकर श्रवण को फर्जी मामले में फंसान का खेल खेला।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई हफ्ते तक अकील के उकसाने के बावजूद शूटरों ने श्रवण की तरफ ध्यान नहीं दिया तो अकील ने दूसरा तरीका खोजा। उसने क्राइम ब्रांच के साथ श्रवण को फंसाने की स्क्रिप्ट लिखी। उसने श्रवण साहू पर अपनी हत्या की सुपारी देने की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने और चार लोगों की हत्या की साजिश रचने के फर्जी मामले में गिरफ्तार करा दिया।

यह मामला खुला तो अकील पर पुलिस का दबाव बढ़ गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पुराने मामले में जेल चला गया। जेल जाने के दो दिन पहले उसने शूटरों से कहा था कि तुमसे न हो पाएगा। सत्यम ने बताया अगर वह पहले ही श्रवण की हत्या कर देता तो अकील फर्जी साजिश रचने में न फंसता। उसे जेल भी नहीं जाना पड़ता। एएसपी क्राइम डॉ. संजय कुमार का कहना है कि शूटर आज भी यही समझ रहे हैं अकील को उनके न काम करने की वजह से जेल जाना पड़ा।