दक्षिण कोरिया की संवैधानिक कोर्ट ने राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे के महाभियोग को बरकरार रखा है। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला दिया। बता दें कि
पार्क दक्षिण कोरिया की दूसरी ऐसी नेता हैं जिन्हें लोकतांत्रिक ढंग से चुना गया और महाभियोग के चलते उन्हें पद से हटाया गया। देश की संवैधानिक सरकार बनने के बाद से लेकर अब तक यह दूसरा महाभियोग प्रस्ताव है। पिछली बार दिवंगत राष्ट्रपति रूह मू-हयून के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान कार्यकारी राष्ट्रपति ली जंग-मी ने कहा कि ‘पार्क की कार्रवाई ने लोगों के आत्म विश्वास को खो दिया जिस वजह से उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाना पड़ा। उन्होंने कानून का गंभीर उल्लंघन किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’
मालूम हो कि पार्क ने फरवरी 2013 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का पदभार संभाला। महाभियोग विधेयक के मुताबिक, संवैधानिक उल्लंघनों में राष्ट्रपति द्वारा अपनी विश्वासपात्र और सहयोगी चोइ सून-सिल को देश के मामलों में हस्तक्षेप करने की मंजूरी देना और सरकारी अधिकारियों की नियुक्तियों को प्रभावित करना है।