बता दें कि सीपीईसी चीन के मुस्लिम प्रांत शिंजियांग और पाक अधिकृत पीओके से गुजर रही है, लेकिन इससे भारत को नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि 46 अरब डॉलर की लागत से बनने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) इसी इलाके से होकर गुजरेगा। वहीं, चीन की इस योजना पर भारत कई बार आपत्ति जता चुका है। इससे पहले सितंबर में हुए जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन-पाक के सीपीईसी का विरोध किया था।
बहुत पहले आई डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 46 अरब डॉलर की लागत से बनने वाली सीपीईसी योजना को कानूनी तौर मान्यता दिलाने के लिए पाकिस्तान इस इलाके के संवैधानिक दर्जे को बढ़ाने पर विचार कर रहा था। उस रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया था कि इस कदम से पूरे कश्मीर क्षेत्र के भविष्य को लेकर पाकिस्तान के रुख में ऐतिहासिक बदलाव का देखने को मिल सकता है।