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आखिर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा की केशव की तबियत बिगड़ गई ?

लखनऊ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को दे दी है। जिससे केशव प्रसाद मौर्या मुख्यमंत्री बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। जब केशव प्रसाद मौर्या से इसके बारे में पूंछा गया तो मौर्या ने कहा की कि जब मुझे जिम्मेदारी मिली है तो भला मैं अब अपना नाम कैसे लूं?

यूपी के सियासी गणित के लिहाज से केशव प्रसाद का सीएम बनना प्रबल माना जा रहा था  जिस जाति से आते है उसकी संख्या यादव के बाद सबसे ज्यादा 12 प्रतिशत है। जब से केशव प्रसाद मौर्या को मुख्यमंत्री बनने की रेस से बाहर किया गया है उसके कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत खराब हो गई है। इस खबर से केशव प्रसाद मौर्या का ब्लड प्रेशर बढ़ गया है। इस वजह से उनको राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया है।

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यूपी की जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज अमित शाह और केशव प्रसाद मौर्या एक साथ बाहर निकले. दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी. यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या तो हर वक्त ही हंसते मुस्कुराते नजर आ जाते हैं. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी इस काबिलियत की सार्वजनिक मंच से सराहना कर दी थी.

लेकिन, इस बार अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कदम ताल कर चल रहे केशव प्रसाद मौर्या की मुस्कुराहट का अब क्या अंदाजा लगाया जाए, क्योंकि उनके अध्यक्ष ने तो उनके ऊपर एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी.

जिम्मेदारी सौंपकर अमित शाह ने हैरत में डाला

 

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जिस बात को लेकर सब परेशान हैं. मंथन का दौर चल रहा है, चुनाव नतीजे आने के बाद अबतक पार्टी इस बात का फैसला नहीं कर पा रही है कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन होगा, ये जिम्मेदारी सीधे केशव प्रसाद मौर्या के हाथों में सौप कर अमित शाह ने सबको परेशान कर दिया.

इसे शाह की गुगली कहें या कोई संकेत लेकिन, जो काम मोदी-शाह की ताकतवर जोड़ी अबतक नहीं कर पाई है, उस काम को सीधे केशव के हाथों में देकर अमित शाह ने तो सबको चौंका ही दिया है. सब परेशान, एक-दूसरे का मुंह ताकते नजर आए. लेकिन, केशव प्रसाद मौर्या के चेहरे पर वही मुस्कुराहट दिखती रही.

यूपी का किंग बनने की कोशिश में लगे मौर्या को किंग बनाने का अधिकार मिल गया. यानी जिसे चाहे यूपी की बागडोर थमा दें, भाई मालिक तो आप ही हैं अब.

लेकिन, मौर्या बेचारे अब फंस गए हैं नैतिकता के उहापोह में. पार्टी के अनुशासित और समर्पित कार्यकर्ता को बीजेपी के उस सिद्धांत की याद सताने लगी है जिसमें राष्ट्र पहले, पार्टी दूसरे और खुद को तीसरे नंबर पर रखा जाता है.

यूपी के सीएम पद की रेस में चल रहे केशव प्रसाद मौर्या को भी शायद अपनी नई जिम्मेदारी का एहसास होने लगा. जो पहले ये कहते नहीं थकते थे कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा, अचानक सुर बदल गए. कहने लगे कि जब मुझे खुद ही जिम्मेदारी दे दी गई है तो अपना नाम कैसे ले सकता हूं.

 

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उनके चेहरे की मुस्कान और हंसी अभी भी पहले की तरह ही दिख रही थी. लेकिन, उनके भीतर की हलचल शायद उनके किंगमेकर की जिम्मेदारी के बोझ तले दबने से दिख नहीं रही थी.

लेकिन, कुछ घंटे बाद खबर आई कि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की तबीयत खराब हो गई है. केशव राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंच गए हैं.

केशव प्रसाद मौर्या ने अस्पताल से ही ट्वीट कर सेहत ठीक होने की बात कही है. अब दो दिन बाद 18 मार्च को बीजेपी विधायक दल की बैठक में यूपी के नए सरताज के नाम का ऐलान होने वाला है. लेकिन, ये अब भी रहस्य बना हुआ है, बीजेपी के केशव किसे देंगे यूपी की कमान ?के h

 

आपको बता दें कि केशव प्रसाद मौर्या के समर्थक उनको सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन लगता है मौर्य का नाम सीएम की रेस से बाहर हो गया है। इससे केशव समर्थको में निराशा छा गई केशव खुद सीएम बनना चाहते थे इसके हकदार भी थे लेकिनअमित शाह ने मुख्यमंत्री चयन की जिम्मेदारी देकर मौर्य को निराश कर दिया ।

इन दोनों नेताओं के अलावा गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा और कानपुर के महाराजगंज से विधायक सतीश महाना भी  दावेदार हैं। महाना सात बार के विधायक हैं और जब से उनका नाम रेस में आया है तब से उनके घर आने जाने वालों की भीड़ बढ़ गई है। मनोज सिन्हा मोदी के विश्वस्त लोगो में से है इसलिए इनकी दावेदारी को बल मिलता है ।