भारतीय मूल के दो अमेरिकी युवक को अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने H-1B वीजा दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज के प्रयोग करने में दोषी पाया है। आरोप है कि वे साल 2010से 2016 के बीच लगातार इस काम में लिप्त थे।
भारतीय तकनीकी पेशेवर जयावेल मुरुगन (46) और सइयद नवाज (40) को 20 साल की जेल या दो लाख 50 हजार अमेरिकी डॉलर का जुर्माना या दोनों सजा के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
इकॉनमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, फेडरल वकील ने आरोप लगाया कि मुरुगन (फ्रीमोंट आधारित डायनासॉफ्ट सिनर्जी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं) और नवाज ने भारतीय तकनीकी पेशेवरों के H-1B वीजा के लिए फर्जी दस्तावेज का प्रयोग करते थे।
इस कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, Dynasoft Synergy Inc कैलिफोर्निया बेस्ड कंपनी है और चेन्नई में इसका एक ऑफिस है।