अमेरिका और रूस में तनातनी के साथ ही उनके समर्थक देश भी आमने सामने आते दिख रहे हैं। जहां रूस, ईरान, इराक, वेनेजुएला और अल्जीरिया सीरिया के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इस्राइल, जापान, सऊदी अरब और तुर्की ने अमेरिकी मिसाइल हमले को सही ठहराया है।
इस हमले के मद्देनजर शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक होगी। आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग रूस की ओर से की गई है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के कार्यालय ने अमेरिका के मिसाइल हमले को ‘मूर्खतापूर्ण और गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि जब सीरियाई हवाई हमले मेें एक विद्रोही शस्त्रागार को ध्वस्त कर दिया तभी रासायनिक गैसों का रिसाव हो गया जो वहां पर रखे गए थे। यूएन में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव का विरोध करते रूस की विदेश मंत्रालय प्रवक्ता मारिया जोखरोवा ने कहा कि यूएन में पेश किया गया प्रस्ताव पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
उन्होंने इसे सीरिया विरोधी बताते हुए कहा कि यह बिना किसी जांच के निर्णय देने के समान है और हमले के तुरंत बाद दोषी ठहराने की मानसिकता दिखाता है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले के मद्देनजर बुधवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें ब्रसेल्स में ‘कांफ्रेंस ऑन दि फ्यूचर ऑफ सीरिया एंड दि रिजन’ विषय पर चर्चा के लिए 70 देशों के अधिकारी शामिल हुए।
ब्रिटिश विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने कहा कि इस हमले के बाद अभी तक मिले सबूतों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि असद शासन ने अंजाम दिया है। असद ने अपने ही लोगों पर जानबूझकर इस प्रतिबंधित हथियार का प्रयोग किया है।