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भाजपाइयो की मेरठ में दबंगई तारतार हुई क़ानून व्यवस्था,पुलिस बनी सिंघम

 police prdbngi
यूपी के मेरठ के परतापुर तिराहे पर शनिवार शाम पुलिस चेकिंग के दौरान बीजेपी नेता की एसयूवी पर लगा हूटर उतारने समय जो  बवाल हुआ उससे योगी सरकार की छवि धूमिल करती है । चेकिंग से गुस्साए भाजपाइयों ने आपा खो दिया। इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ते हुए चांटा जड़ दिया और सीओ से हाथापाई कर दी। पुलिस भी बीजेपी नेता के बेटे को पीटते हुए थाने तक ले गई। हाईवे से थाने तक घंटों हंगामा चलता रहा। यह दबंगई देखकर ऐसा लगा कि सुशासन का माला फेरने वाली बीजेपी सरकार यूपी में अभी सत्ता में नही आई है ।

डिफेंस एन्क्लेव निवासी संजय त्यागी बीजेपी के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र प्रभारी हैं। उनका बेटा अंकित त्यागी शनिवार शाम एसयूवी गाड़ी से दिल्ली रोड पर जा रहा था।परतापुर तिराहे पर चेकिंग कर रहे इंस्पेक्टर सुशील दुबे ने हूटर बजते देख बीजेपी नेता की गाड़ी रोक ली। आरोप है कि गाड़ी में बैठे अंकित ने रौब गालिब किया कि यह वीआईपी गाड़ी है और तुम्हारी इसको रोकने की हिम्मत कैसे हुई।उसने पुलिस से गाली गलौज करते हुए वर्दी उतरवाने की धमकी दे डाली।

फोन कर अपने पिता संजय त्यागी को बुला लिया। संजय त्यागी अपने साथ अन्य भाजपाइयों को लेकर मौके पर पहुंच गए। इस दौरान दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई। इंस्पेक्टर ने अंकित को जीप में बैठा लिया तो भाजपाई उखड़ गए।

संजय त्यागी ने इंस्पेक्टर को पकड़कर खींच लिया, जिसमें इंस्पेक्टर की वर्दी फट गई। इतना ही नहीं भाजपाइयों ने इंस्पेक्टर के गिरेबान पर भी हाथ डाल दिया। इसके बाद पुलिस भी आपा खो बैठी और अंकित को पीटते हुए उसके बाल खींचकर थाने ले गई। कुछ ही देर में पूर्व विधायक रवींद्र भड़ाना, बीजेपी नेता अजय मांगलिक, पार्षद तरुण गोयल, पार्षद हरिकिशन गुप्ता, प्रमोद दीक्षित, भीम पंडित, अजय तोमर, बलराज डूंगर, अनुराग कौशिक, शशांक आदि परतापुर थाने पहुंच गए।

एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी समेत दो सीओ व कई थानों की पुलिस परतापुर थाने पहुंच गई। भाजपाइ कहते रहे कि यह सपा सरकार की पुलिस है जो गरीब भाजपाइयों को पीट रही है। इस दौरान भाजपाइयों ने सीओ धर्मेंद्र चौहान से भी हाथापाई का प्रयास किया और नोकझोंक के दौरान सस्पेंड कराने की धमकी दी। तमाम जद्दोजहद के बाद पुलिस ने एसयूवी से हूटर उतारते हुए गाड़ी सीज कर दी और अंकित की डॉक्टरी कराकर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद मामला शांत हो सका।

भाजपाइयों और पुलिस के बीच हुए टकराव की वीडियो पलभर में टीवी चैनलों और सोशल साइट पर वायरल हो गई। इसके बाद मेरठ से लखनऊ और दिल्ली तक फोन घनघनाने लगे। इस बीच इंस्पेक्टर पर अफसरों के फोन आए तो उन्होंने भावुक होकर साफ कहा कि ऐसे दबाव में वह काम नहीं करेंगे।

इस पूरे मामले में दोनों ही पक्षों ने मर्यादा को तार-तार किया है। पुलिस पर आरोप है कि चेकिंग के बहाने बीजेपी नेता के बेटे को गाली दी गई, जिसके बाद मामला भड़का। कई वीडियो में पुलिस को अंकित के बाल पकड़कर खींचने और पिटाई करते हुए दिखाया गया है। दूसरी वीडियो में भाजपाइयों गुंडई पर उतारू हैं जो पुलिस अफसरों से हाथापाई कर रहे हैं और अनर्गल बयान दे रहे हैं। घंटों चले बवाल में दोनों ही पक्षों की ओर से कानून को भुला दिया गया।

गाड़ी से हूटर उतारने को लेकर विवाद हुआ था। सूचना पर मैं मौके पर पहुंचा। दोनों पक्षों को समझा-बुझा दिया गया है। अब किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है
-आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी