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बड़ीखबर: एक्‍शन में आये ट्रंप, IS को तबाह करने के लिए अफगानिस्तान पर गिराया बम

अमेरिकी सेना ने बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान पर सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया है। पेंटागन के हवाले से कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट के परिसर में यह बम गिराया गया है। एक बयान में कहा गया है कि यह हमला स्थानीय समय के अनुसार शाम करीब 7 बजे किया गया। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने बताया कि इस बम का इस्तेमाल पहली बार किया गया है। यह अमेरिका का सबसे शक्तिशाली बम है। बताया जाता है कि इस विध्वंसक बम से भारी तबाही होती है।
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सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह बमबारी पूर्वी अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के अचिन जिले में की गई है। यह इलाका पाकिस्तान से लगता हुआ है। सूत्रों के मुताबिक इस्लामिक स्टेट के आतंकी इस इलाके में कई गुफाओं में रहते हैं। अमेरिका का यह सबसे बड़ा गैर परमाणु बम है। इसे मदर ऑफ ऑल बम्स कहा गया है। एयर फोर्स के स्पेशल ऑपरेशन कमांड ने एयर फोर्स के विशेष विमान एमसी-130 से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस हमले का मकसद अफगानिस्तान से आईएस को परास्त करना है। अमेरिकी बल इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है कि इस हमले में नागरिक कम से कम हताहत हों। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमले से कितना नुकसान पहुंचा है। वर्ष 2003 में जब इस बम का परीक्षण किया गया था तब 32 किलोमीटर दूर से छोटे-छोटे बादलों के गुबार देखने को मिले थे।

 कितना खतरनाक है ये सबसे बड़ा बम

– सबसे बड़े गैर परमाणु बम का नाम जीबीयू-43 बी है
-‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ करीब 9797 किलोग्राम वजन का है
– यह बम जीपीएस से गाइडेड है
– पहली बार इसका परीक्षण इराक युद्ध से ठीक पहले 2003 में किया गया था
– प्रत्येक बम की लागत लगभग 1.60 करोड़ डॉलर पड़ती है
– बम का आकार 30 फुट (9 मीटर) लंबा तथा 40 इंच (एक मीटर) चौड़ा होता है

कैसे काम करता है बम
– बम में जालीदार पंख लगे होते हैं जो गिराते समय हवा में ही खुल जाते हैं और फिर यह व्यापक विनाश करता है
– बड़े आकार का होने के कारण इसे सिर्फ बड़े कार्गो विमान के पिछले हिस्से में ही ढोकर ले जाया जा सकता है
– बम एक पैलेट में लिपटा होता है, हमला करते समय इस पैलेट को पैराशूट के जरिये विमान से गिराया जाता है
– इसके बाद यह पैलेट अलग होकर बम को लक्ष्य भेदने में सक्षम बना देता है
– यह बम जमीन से छह फुट ऊपर ही फट जाता है