तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान की राष्ट्र प्रमुख के तौर पर निहित शक्तियों में विस्तार करने को लेकर हुए जनमत संग्रह में जीत दर्ज कर ली है। इस जीत के साथ ही तैयप अब तुर्की में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लेकर आएंगे। एर्दोगान का कहना है कि 25 मिलिनय लोगों ने तुर्की में उन्हें बहुमत देकर राष्ट्रपति शासन प्रणाली का समर्थन किया है।
हालांकि, इनकी इस जीत का विपक्षियों ने विरोध जताया है और वे इसको जीत को चैलेंज करेंगे। अब मतदान का नतीजा एर्दोगान के पक्ष में आया है तो तुर्की के संस्थापक कमाल अतातुर्क और उनके उत्तराधिकारी इस्मत इनोनु के बाद उन्हें तुर्की के किसी भी नेता से अधिक शक्तियां मिल गई हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार पूर्वी तुर्की के दियारबकीर और अन्य शहरों में सुबह साढ़े नौ बजे से जनमत संग्रह शुरू हुआ और दो बजे खत्म हुआ। वहीं, इस्तांबुल, अंकारा और अन्य शहरों में मतदान एक घंटे देर से शुरू हुआ और एक देर से खत्म हुआ। इस जनमत संग्रह में 12 लाख युवा मतदाताओं ने पहली बार मतदान किया।