प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले को चीनी राष्ट्रपति के सामने भी उठा चुके हैं, बावजूद इसके चीन ने इस मामले को लेकर नाममात्र की गंभीरता दिखाई है। दूसरी ओर, रूस ने पिछले उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया था जिनमें यह दावा किया जा रहा था कि मॉस्को ग्वादर बंदरगाह पर साझा करने के इरादे से सीपीईसी में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। अब पाकिस्तान में रूस के राजदूत एलेक्सी वाई देदोव ने कहा है कि रूस और पाकिस्तान के बीच मॉस्को के यूरेशियन यूनियन प्रोजेक्ट को सीपीईसी में शामिल करने को लेकर बातचीत हुई है।
देदोव ने कहा कि रूस ‘मजबूती’ से सीपीईसी का समर्थन करता है क्योंकि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय संपर्क के लिहाज से बेहद अहम है।