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बीजेपी एमएलए की दबंगई, महिला आईपीएस की छलकी आंसू

 

लखनऊ । गोरखपुर में आईपीएस अधिकारी चारू निगम के साथ सदर विधायक  द्वारा की गयी कथित अभद्रता के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में बहुत से लोग आ गये हैं। IPS एशोसिएशन ने गोरखपुर की घटना को सज्ञान लिया जिसे मुख्य सचिव से मिलकर इसकी शिकायत करेग़ी।

आईपीएस निगम ने अपनी फेसबुक वाल पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुये लिखा  मेरी ट्रेनिंग ने मुझे कमजोर होना नही सिखाया है। मैं इस बात की अपेक्षा नहीं कर रही थी, तभी मेरे सहयोगी एसपी सिटी गणेश साहा वहां पहुंचे और उन्होंने मेरी चोटों के बारे में बात की और इस निरर्थक बहस को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि जब तक एसपी सिटी सर नहीं आये थे, मैं वहां मौजूद सब से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थीं। लेकिन जब एसपी साहब पुलिस बल के साथ आयें और मेरे समर्थन में खड़े हुये तब मैं भावुक हो गयी। गोरखपुर का मीडिया जिसने दोनों घटनायें देखी थी उसने पूरी तरह से मेरा साथ दिया और मेरे साथ खड़ा रहा। मैं मीडिया की शुक्रगुजार हूं कि उसने बिना किसी भेदभाव के पूरा सच दिखाया।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, कृपया शांत रहें,  मैं बिल्कुल ठीक हूं बस थोड़ी आहत हुई हूं। कोई चिंता की बात नही है, परेशान न हो।

उन्होंने फेसबुक पर कुछ लाइने हिन्दी में भी लिखी। मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझे, मेरे आंसू न तो मेरी कोमलता की वजह से बाहर आयें और न ही कठोरता की वजह से। मैं एक महिला अधिकारी हूं, सच्चाई में बहुत ताकत होती है और आपकी सच्चाई हमेशा रंग दिखाती है।

गौरतलब है कि करीमनगर इलाके में एक शराब की दुकान हटाये जाने के लिये स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर थे और पुलिस विरोध करने वालो को वहां से हटा रही थी। तभी वहां स्थानीय भाजपा विधायक राधा मोहन अग्रवाल पहुंचे और विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने विधायक से शिकायत की कि सर्किल आफिसर चारू निगम ने जबरदस्ती करके शराब की दुकान का विरोध करने वालो को वहां से हटवाया।

स्थानीय लोगों ने विधायक से कहा कि पुलिस ने कथित तौर पर एक महिला को चोट पहुंचायी तथा एक 80 साल के बुजुर्ग को वहां से खींच कर हटाया। तब विधायक अग्रवाल ने पुलिस अधिकारी निगम से उनकी इस कार्रवाई के बारे में पूछा और उनसे कहा कि प्रदेश सरकार का आदेश है कि कोई भी शराब की दुकान घनी बस्ती जहां लोग रहते है वहां नहीं होगी।

विधायक की तेज आवाज और बहस के बीच महिला अधिकारी निगम ने रूमाल से अपनी आंखों से निकले आंसू पोछे। उनकी यह तस्वीर मीडिया के कैमरो में कैद हो गयी और सभी समाचार चैनलों में प्रसारित हो गयी।

बाद में पुलिस अधिकारी निगम ने आरोप लगाया कि विधायक ने भीड़ के सामने उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की।

निगम ने बाद में कहा, विधायक ने मेरे साथ अभद्रता की और इस बात का ख्याल भी नही रखा कि वह भीड़ के सामने एक महिला पुलिस अधिकारी से बात कर रहे हैं।

मीडिया में उनके आंसू पोछते हुई आई तस्वीरों पर उन्होंने कहा कि मैं रो नही रही थी और न ही मै इस तरह की हूं और न ही यह मेरे व्यक्तित्व में शामिल है। बस मैं उस समय भावुक हो गयी जब मेरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहयोगी ने मेरा समर्थन किया।

उधर दूसरी ओर विधायक अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी शराब की दुकान बंद करवाने की मांग करने वाली वाली जनता के साथ सख्ती से पेश आ रही थी। उन्होंने कहा हम घनी आवासीय बस्ती में शराब की दुकान चलाये जाने का विरोध करते है। इलाके की जनता भी शांतपूर्ण तरीके से शराब की दुकान हटाने के लिये विरोध प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन महिला पुलिस अधिकारी ने विरोध करने वाली जनता को जबरदस्ती बलपूर्वक वहां से हटाया और इस दौरान एक महिला को चोट लगी तथा एक अस्सी साल के बुजुर्ग को वहां से खींचा गया। इस तरह की हरकत कतई बर्दाश्त नहीं होगी।

अग्रवाल ने उन आरोपों को बुरी तरह से खारिज किया कि उन्होंने महिला अधिकारी के साथ अभद्रता की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और शराब माफिया के बीच आपसी समझौता है तभी जो शराब की दुकान 15 दिन पहले बंद हो गयी थी वह दोबारा कैसे खुल गयी।

आईपीएस एशोसिएशन अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने गोरखपुर में IPS अधिकारी के साथ हुई दुर्व्यवहार को मुख्य सचिव के सामने रखने की बात किया और विधायक पर कार्रवाई की मांग करेंगे।