भारत की नोटबंदी से प्रभावित होते हुए वेनेजुएला के बाद पाकिस्तान सरकार ने भी नोटबंदी लागू करने का प्रस्ताव संसद में पेश किया। जिसके बाद पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को कालेधन को रोकने के लिए 5000 रुपये के बड़े नोट को चरणबद्ध तरीके से वापस लेने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
पाकिस्तान में यह फैसला भारत द्वारा बड़े नोटों की नोटबंदी किए जाने के एक हफ्ते बाद लिया गया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सांसद उस्मान सैफुल्लाह खान ने उच्च सदन में प्रस्ताव को रखा जिसे अधिकतर सांसदों ने अपना समर्थन दिया।
डॉन अखबार के मुताबिक प्रस्ताव में कहा गया कि 5000 रुपये की वापसी बैंक खातों के प्रयोग को बढ़ावा देने और बेनामी अर्थव्यवस्था को सीमित करने के लिए किया गया है।
इसमें कहा गया कि बाजार के नोटों को सफेद के लिए अगले तीन से पांच सालों में नोटों को वापस लिया जाएगा। हालांकि इस बीच सांसद जाहिद हामिद ने कहा कि नोटों की वापसी से बाजार में मंदी आएगी और पांच हजार रुपये के नोट की कमी के कारण लोग विदेशी नोट पर निर्भर होंगे।
हामिद ने कहा कि फिलहाल देश में 3.4 खरब नोट चलन में हैं जिनमें से 1.2 खरब नोट पांच हजार रुपये के हैं। पाकिस्तान के इस कदम को भारत की नोटबंदी से प्रभावित माना जा रहा है। भारत ने पिछले महीने के 8 नवंबर से 500 व 1000 रुपये के बड़े नोटों के चलन को बंद कर दिया है।