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डेढ़ माह में ही ब्रिज कार्पोरेशन के पीएम का ट्रांसफर

लखनऊ। योगी सरकार चाहे जितनी भी पारदर्शिता लाने की प्रयास कर ले यूपी के सरकारी महकमा अपनी हरकतों से बाज आने वाले नही है।अभी डेढ़ माह पहले गोरखपुर यूनिट से दीपक गोविल को लखनऊ यूनिट 2 का प्रोजेक्ट मैनेजर पद पर स्थानांतरण किया गया,लेकिन प्रबंधतंत्र की मनमानी से शासन की ट्रांसफर नीति की धज्जियां उड़ाकर वर्षो से तैनात पीएम पर मेहरबानी बरतते  हुए डेढ़ माह पहले आए गोविल को हटाकर मुख्यालय से अटैच किया गया है। एमडी के इस फैसले से बीजेपी सरकार  की नीतियों की धज्जियां उड़ाई गई।इसको लेकर निगम में तरह तरह की अफवाहें प्रबंधतंत्र के खिलाफ  चल रही है।

ज्ञात हो कि बड़ी मसक्कत के बाद योगी सरकार ट्रांसफर नीति बनाई थी की कोई चेक पावर अधिकारी या प्रभावशाली कर्मचारी एक ही स्थान पर तैनात रहकर सरकारी नियमो को ठेंगा दिखा रहे थे उन पर कार्रवाई की जाए और सरकारी काम से लेटलतीफी और भ्रष्ट्राचार  पर अंकुश लगाई जा सके,लेकिन सेतु निगम में वर्षो से तैनात अधिकारी और कर्मचारी इन नियमो को चिढा रहे है।

जब इस सम्बन्ध में सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राजन मित्तल से  लोकनिर्माण टाइम्स के सम्पादक अशोक गुप्ता ने बात किया तो एमडी ने कहा कि निगम में सरकार की ट्रांसफर नीति लागू नही होती।निर्माण कार्यो की आवश्यकता के आधार पर अधिकारियो और कर्मचारियो की ट्रांसफर की जाती है।सरकार की नीतियों को केवल एडाप्ट किया जाता है।

विदित हो कि योगी सरकार बनते ही निवर्तमान एमडी ने अपने चहेते अधिकारियो को बिना शासन की अनुमति की ट्रांसफर किया था जिसको लोकनिर्माण टाइम्स ने प्रमुखता से उठाया था।खबर को संज्ञान में लेकर शासन ने सभी ट्रांसफर रद्द किया था।