कचरा बीनकर जीविकापार्जन कर रही 30 वर्षीय महिला की ज्वालामुखी इलाके में सोमवार सुबह मौत हो गई। घटना में दुखद पहलू यह रहा कि मृतिका प्रेमबाई की दो बेटियां से महज 10 से भी कम आयु में माता पिता का साया सिर से उठ गया। इस बात से अंजान आठ वर्षीय रोशनी मां के पास रोज की भांति उसके उठने का इंतजार कर रही थी। रोशनी ने बताया मां ने ही सुबह कहा था आग जलाकर मुझे धूप के पास ले जाओ। मैंने नीचे से धूप में लेटा दिया। तब से यही पड़ी हुई है। मुंह बोले मामा (किशन) ने आकर बताया अब वह इस दुनिया में नहीं रही। फिर भी बहन बिरासिनी (5) व साथ ही पालतू कुत्ते को अपनी आगोश में लेकर बच्ची मां के उठने की राह देख रही थी।
सोमवार सुबह अंजान बचपन और मां-पुत्र के अटूट प्रेम व विश्वास का यह दृश्य जिसने भी देखा, उसका आंखे नम व कलेजा पसीज गया। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। थाना प्रभारी विपिन सिंह, एसआई अल्का पटेल व टीम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंच, अनाथ शव के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था करवाई। उमरार नदी किनारे श्मशान पर अग्नि संस्कार किया गया।
संप्रेषण गृह भेजे जायेंगे बच्चे
पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ महिला सड़क किनारे, रेलवे ट्रैक किनारे कचरा कबाड़ बीनकर जीविकापार्जन करती थी। परिवार में पति नत्थू निवासी उमरिया की पहले ही मौत हो चुकी थी। दो बच्ची रोशनी (8), बिरासिनी (5) मां के साथ कभी बस स्टैण्ड तो कभी ज्वालामुखी मंदिरों के आसपास रात काटती थीं। रविवार रात अचानक उसका स्वास्थ्य गड़बड़ हुई और सुबह महिला ने दमतोड़ दिया। पुलिस जांच में शव के परिजन अक्षम होने पर जनसहयोग व पुलिस की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया।
इनका कहना है
अज्ञात शव की सूचना पर हमने मौका मुआयना किया। कचरा आदि बीनकर महिला अस्थाई रूप से शहर में रह रही थी। अक्षम वारिश न होने के चलते समीप ही अंतिम संस्कार की व्यवस्था करवाई गई है। दोनो बच्चियों को महिला सशक्तिकरण विभाग के सुपुर्द किया जायेगा। दोनों को पालन पोषण के लिए संप्रेषण गृह में भेजा जायेगा।
विपिन सिंह, टीआई कोतवाली।
महिला की मौत व बच्चों के संबंध में जानकारी मिली थी। नगर पालिका व महिला सशक्तिकरण अधिकारी को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।