आतंकी फंडिंग रोकने के लिए बनी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की पाकिस्तान को चेतावनी के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एफएटीएफ (FATF) की पाकिस्तान को चेतावनी पर कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान, एफएटीएफ (FATF) के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता के मुताबिक बचे हुए समय के भीतर यानी सितंबर 2019 तक एफएटीएफ (FATF) एक्शन प्लान को पूरी तरह से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘आतंकवाद और आतंकवादी नियंत्रण से संबंधित वैश्विक चिंताओं को दूर करने के उपायों पर पाकिस्तान को ध्यान देना होगा। क्योंकि आतंकियों के खिलाफ एक्शन जरूरी है चाहें इसका नियंत्रण दुनिया के किसी भी इलाके में हो। पाकिस्तान को जून, 2018 में एफएटीएफ ने निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में रखा गया था। पिछले दो दिनों से अमेरिका में चल रही बैठक में एफएटीएफ (FATF)ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में ही रखने का फैसला किया है। भारत की कूटनीतिक कोशिश यही थी कि इसी बैठक में पाकिस्तान पर प्रतिबंध लग जाए। इस तरह की सूचनाएं आ रही हैं कि तुर्की, मलेशिया और चीन की वजह से पाकिस्तान को प्रतिबंधित सूची में नहीं डाला जा सका। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद से आग्रह किया था कि वह एफएटीएफ का सदस्य होने के नाते पाकिस्तान को निगरानी सूची से बाहर आने में मदद करे। तुर्की के मीडिया ने भी खबरें दी हैं कि उनकी सरकार ने एफएटीएफ में पाकिस्तान की मदद की है। पाकिस्तान को 36 सदस्यीय एफएटीएफ में 15 देशों का समर्थन चाहिए। अब इस एजेंसी की अगली बैठक अक्टूबर में होगी। ।इस हफ्ते की बैठक में भी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देशों ने पाकिस्तान में जारी कई आतंकी संगठनों की वित्तीय गतिविधियों पर चिंता जताई। खास तौर पर जिस तरह अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हाफिज सईद और मसूद अजहर की गतिविधियां जारी हैं, उस पर आपत्ति जताई गई। पाकिस्तान ने बताया कि विभिन्न आतंकी संगठनों की तकरीबन 700 परिसंपत्तियों को जब्त किया गया है। लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करने के लिए काफी नहीं है।